नारायणपुर: छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ दुनिया का सबसे रहस्यमयी और दुर्गम वनक्षेत्र माना जाता है और यही अबूझमाड़ नक्सलियों का गढ़ भी रहा है। इसी इलाके में आने वाले नारायणपुर जिले में कडियामेटा एक ऐसा इलाका है जहां सालों से नक्सलियों के डर से ग्रामीण आदिवासी साप्ताहिक बाजार तक नहीं लगा पा रहे थे। अब नारायणपुर जिले की पुलिस ने यहां हर शनिवार साप्ताहिक बाजार शुरू किया है। जहां 5 ज़िलों की हज़ारों आदिवासी जनता आकर अपनी वन्य उपज बेच और खरीद सकेगी। आपको बता दें कि कडियामेटा इलाका छत्तीसगढ़ के कुल 5 जिले दंतेवाडा, बीजापुर, कोण्डागांव, जगदलपुर और नारायणपुर के केन्द्रबिंदु पर मौजूद है।
नक्सलियों की दशहत से नहीं खुल पा रहा था बाजार
नारायणपुर जिले के एसपी गिरिजा शंकर जायसवाल के नेतृत्व में पुलिस के जवानों ने श्रमदान करके कडियामेटा की साप्ताहिक बाजार की जगह को तैयार किया। ये क्षेत्र अबुझमाड़ के सुदूरवर्ती इलाके के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में है जो जिला मुख्यालय से भी 60 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां ग्रामीणों ने पहले बाजार शुरू करने की कोशिश की थी लेकिन नक्सलियों के विरोध की वजह से ये नाकाम हो गयी। लेकिन पिछले साल यहां पुलिस कैम्प खुलने के बाद से ग्रामीण आदिवासियों में विश्वास पैदा हुआ जिसके बाद आज जाकर साप्ताहिक बाजार शुरू हो सका।
गांव वालों को होगा फायदा
इस बाजार से बेचा, ईरपानार, आदेर, किलम, टेटम सहित अबुझमाड़ (नारायणपुर) और दंतेवाडा, बीजापुर, कोण्डागांव व जगदलपुर जिला के दो दर्जनों से अधिक गांव के हजारों लोगों को फायदा होगा।इसके पहले लगभग 30 किलोमीटर तक दूर बाजार करने जाने को मजबूर थे। नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के एसपी आईपीएस गिरिजाशंकर जयसवाल के मुताबिक कडियामेटा में साप्ताहिक बाजार खुलने से न सिर्फ वहां के लोगों को दूर बाजार जाने की मजबूरी खत्म होगी बल्कि उन्हें अपने पास के बाजार में ही उनके जरूरत का सामान भी मिल जाएगा। फल-सब्ज़ी और तमाम ग्रामीण उत्पाद पास के बाज़ार में बिक्री होने से रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे।