- गोगरा-हॉट स्प्रिंग इलाके में अब भी गतिरोध की स्थिति बनी हुई है
- करीब 21-22 चीनी लड़ाकू विमान युद्धाभ्यास में शामिल रहे
- चीन की गतिविधयों को देखते हुए भारत पूरी सतर्कता बरत रहा है
नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ता नजर आ रहा है। विवाद के कुछ बिंदुओं से अब भी सैन्य वापसी नहीं हो पाई है, जिसके लिए दोनों पक्षों के बीच सहमति इस साल की शुरुआत में ही बातचीत के आधार पर बनी थी। गोगरा-हॉट स्प्रिंग इलाके में अब भी गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। इस बीच चीनी वायुसेना के लड़ाकू विमानों द्वारा LAC के नजदीक अपने एयरबेस पर युद्धाभ्यास किए जाने की रिपोर्ट सामने आ रही है, जिस पर भारत करीब से नजर बनाए हुए है।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, 'करीब 21-22 चीनी लड़ाकू विमान युद्धाभ्यास में शामिल रहे, जिनमें J-11s और J-16 फाइटर जेट भी शामिल हैं।' बताया जा रहा है कि चीनी वायुसेना के फाइटर जेट्स ने ये गतिविधियां होतान, गार गुंसा और कासगार एयर फील्ड्स से की, जिसे हाल ही में अपग्रेड किया गया है। यहां से सभी तरह के फाइटर जेट संचालित किए जा सकते हैं। साथ ही चीन ने यहां कुछ ठोस ढांचे का भी निर्माण किया है, ताकि वह विभिन्न एयरबेस पर मौजूद फाइटर विमानों की मौजूदगी को छिपा सके।
चीन की गतिविधियों पर भारत की नजरें
इस युद्धाभ्यास के दौरान चीनी लड़ाकू विमान अपने सीमा क्षेत्र के अंतर्गत ही रहे, तनाव के इस दौर में चीनी वायुसेना की इस हरकत को मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। चीन की गतिविधयों को देखते हुए भारत पूरी सतर्कता बरत रहा है और यहां अपनी रक्षात्मक स्थिति मजबूत करने में जुटा है। बीते वर्ष अप्रैल-मई में यहां तनाव शुरू होने के बाद भारतीय फाइटर जेट की गतिविधियां भी यहां बढ़ी हैं। भारत की ओर से इलाके में लगातार MiG-29s सहित अन्य लड़ाकू विमानों की तैनाती की जा रही है।
भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों ने भी इलाके में उड़ान भरी है, जिसकी पहली खेप बीते साल तनाव के बीच फ्रांस से भारत पहुंची थी। भारत को अब तक फ्रांस से 24 राफेल लड़ाकू विमान मिल चुके हैं, जिसने इसकी क्षमता को मजबूती दी है। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा पर राफेल विमानों की तैनाती से यहां भारत की स्थिति मजबूत हुई है। बीते साल भारत ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में अग्रिम चौकियों पर Su-30s और MiG-29s विमानों की तैनाती की थी, जिसने चीनी विमानों द्वारा वायुसेना के अतिक्रमण की किसी भी कोशिश को विफल करने में अहम भूमिका निभाई।