- रक्षा मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि लद्दाख में चीन ने किया अतिक्रमण
- इस रिपोर्ट को आधार बनाकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर साधा निशाना
- गत 15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। राहुल ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर माना है कि मई महीने में पूर्वी लद्दाख के भारतीय क्षेत्र में चीनी सैनिकों ने अतिक्रमण किया लेकिन पीएम ने देश से 'झूठ' बोला। एक न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल ने पूछा कि 'प्रधानमंत्री झूठ क्यों बोल रहे हैं?' दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि पांच मई 2020 से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) खासकर गलवान घाटी में चीन का अतिक्रमण बढ़ रहा है। 17 और 18 मई 2020 के बीच चीन की तरफ से पैंगोंग त्सो लेक के किनारों, गोगरा एवं कुगरंग नाला के इलाकों में अतिक्रमण हुआ। चीनी सैनिकों अतिक्रमण की रक्षा मंत्रालय की स्वीकारोक्ति को आधार बनाकर कांग्रेस नेता ने पीएम से सवाल किया है।
रक्षा मंत्रालय ने माना कि गतिरोध लंबा खींच सकता है
रक्षा मंत्रालय की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन इलाकों में चीन के साथ बना गतिरोध लंबा खींच सकता है और इन इलाकों में जैसी स्थितियां बन रही हैं उनका समाधान निकालाने की जरूरत तुरंत पड़ सकती है। रक्षा मंत्रालय की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब लद्दाख सहित एलएसी पर दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है।
सैन्य कमांडरों के बीच हुई है 5 दौर की वार्ता
सीमा पर गतिरोध दूर करने के लिए दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक तनाव कम करने में बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिली है। सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत में चीन ने सीमा पर तनाव कम करने के लिए अपने सैनिकों के पीछे हटाने पर सहमति जताई थी लेकिन देपसांग एवं पैंगोंग लेक इलाके में उसके सैनिक पूरी तरह से पीछे नहीं हटे हैं।
गलवान घाटी में 15 जून की रात हुई झड़प
गलवान घाटी में गत 15 जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई। इस टकराव में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए। चीन के तरफ भी सैनिक हताहत हुए लेकिन चीन की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई।
लद्दाख सहित एलएसी पर तनाव बढ़ा
इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया। चीन की तरफ से लद्दाख एवं एलएसी पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाए जाने के बाद भारत ने भी जवान की तादाद उसी अनुपात में बढ़ा दी। भारत की तरफ से स्पष्ट किया गया कि चीन एलएसी पर वस्तुस्थिति में बदलाव की एकतरफा कोशिश की और मौजूदा हालात के लिए वही जिम्मेदार है। इसके बाद तीन जुलाई को पीएम मोदी ने लेह का दौरा किया। इसके करीब 15 दिनों के भीतर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख पहुंचे। दोनों नेताओं की तरफ से संदेश दिया गया कि भारत अपनी क्षेत्रीय एकता एवं अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।