- पूर्वी लद्दाख में तैनात चीनी सैनिकों की तबियत सर्दी बढ़ने के साथ बिगड़ने लगी है
- सर्दी बढ़ने के साथ यहां यहां तापमान माइनस 50 डिग्री तक चला जाता है
- पीएलए के कुछ सैनिकों को फिंगर एरिया के पास ऊंचे मैदान में बने अस्पताल में भर्ती कराया गया
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में भारत औऱ चीन के बीच चल रही तनाव के बीच अब ठंड ने भी लद्दाख में दस्तक दे दी है। ठंड़ बढ़ने के साथ ही चीनी सैनिकों की हालत भी खराब होने लगी है और उन्हें अस्पताल में ले जाया जा रहा है। पहले ही इस बात की संभावना जताई जा रही थी कि चीनी सैनिकों को सर्दी बढ़ने के साथ ही लद्दाख में दिक्कत आ सकती है। भारत के सैनिकों को तो सर्दी झेलने का पहले से ही अभ्यास है क्योंकि वो सियाचिन जैसी दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर तैनात रहते हैं।
चीनी सैनिक पड़ने लगे हैं बीमार
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सैनिकों ने देखा है कि चीनी सैन्य सेना की एक डॉक्टरों की टीम कुछ पीएलए सैनिकों को पैंगोग त्सो के उत्तरी तट पर स्थित फिंगर एरिया से स्ट्रेचरों में ले गई थी जहां उनका अस्पताल बना हुआ है। दरअसल चीनी सैनिकों को इस तरह के हालात वाले युद्ध क्षेत्रों में तैनात होने का अनुभव नहीं है। इस बात का अंदाजा पहले से ही लगाया जा रहा था कि चीनी सैनिकों को इस तरह की दिक्कत आ सकती है।
सर्दी बढ़ने के साथ बढ़ेंगी दिक्कतें
विशेषज्ञ मानते हैं कि जैसे-जैसे सर्दी और बढ़ेगी वैसे- वैसे चीनी सैनिकों की दिक्कतें भी बढ़ेंगी। जिस इलाके में तनाव चल रहा है वहां सर्दी के समय तापमान माइनस पचास डिग्री तक चले जाता है। फिंगर एरिया के आसपास चट्टानों का एक ऐसा समूह है जहां पर चीनी सैनिक तैनात हैं। दोनों देशों के सैनिक यहां करीब एक लाख से अधिक की संख्या में तैनात हैं। 16 हजार से अधिक फीट की ऊंचाई वाले इन इलाकों में ठंड बढ़ने के साथ ही चीनी सैनिकों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आ सकती हैं और उनके लिए हालात बदतर हो सकते हैं।
भारतीय सैनिकों के पास सियाचीन का अनुभव
वहीं भारतीय सैनिकों की बात करें तो उन्हें दुनिया के सबसे ऊंची जंगी मैदान सियाचिन में तैनात रहने का अनुभव है। सेना ने फिर भी सैनिकों के लिए अपनी पूरी तैयारी कर रखी है। भारतीय सैनिकों के लिए हालात मुश्किल जरूर हैं लेकिन अंसभव नहीं है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की भी कमी होती हैं। भारतीय सेना पहले ही सर्दी के लिए अपना सारा साजो सामान यहां पहुंचा चुकी है।