- पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी हिस्से में चीन के सैनिकों ने ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा करने की कोशिश की थी
- मुस्तैद भारतीय फौज ने पीपुल लिबरेशन आर्मी की मंशा को भांप लिया और उनके दुस्साहस को नाकाम किया
- अब अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास चीन अपने सैनिकों की तादाद बढ़ा रहा है, भारत की है करीबी नजर
नई दिल्ली: पैंगोंग त्सो लेक के दक्षिणी हिस्से की ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा जमाने की पीपुल लिबरेशन आर्मी की मंशा विफल कर दिए जाने के बाद चीन बौखला गया है। चीन अब अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। यहां सीमा के नजदीक चीन अपनी फौज की संख्या में इजाफा कर रहा है। हालांकि, चीन की इस गतिविधि पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर बनी हुई है और वे पूरी तरह चौकस हैं।
चीन की गतिविधियों पर भारत की कड़ी निगरानी
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सरकार के सूत्रों ने बताया, 'लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक सभी सेक्टर्स में चीन की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है क्योंकि चीन की सेना पीएलए को पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी हिस्से में मुंह की खानी पड़ी है। ऐसे में उसकी कोशिश शांत इलाकों में अतिक्रमण कर नया विवाद खड़ा करने की हो सकती है।' सूत्रों का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश सेक्टर में चीनी सेना की गतिविधियों पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां करीबी से नजर बनाए हुए हैं। खासकर आसाफिला इलाके, ट्यूटिंग एक्सिस और फिश टेल-2 इलाके के दूसरी तरफ चीन पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
सीमा से 20 किलोमीटर दूर चीनी सेना की गतिविधि
सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में सुरक्षा एजेंसियों ने पाया है कि सीमा से 20 किलोमीटर दूर चीनी सेना की गतिविधि हुई है। इन इलाकों में चीन ने सड़कें बनाई हैं और अपनी बुनियादी संरचना को मजबूत किया है। इस इलाके में चीन की गतिविधि को देखते हुए अरुणाचल प्रदेश से लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
भारतीय सीमा के नजदीक देखे गए चीनी सैनिक
सूत्रों के मुताबिक इन इलाकों में पीएलए के सैनिकों को नियमित रूप से गश्त करते हुए और वे भारतीय इलाकों के काफी नजदीक आते हुए देखा गया है। सूत्रों के मुताबिक डोकलाम इलाके में हाल के दिनों में चीनी सेना के हुए जमावड़े पर सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने बातचीत की है। बता दें कि भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच मास्को में हुई बैठक के दौरान सीमा पर शांति कायम करने एवं तनाव में कमी लाने के लिए पांच बिंदुओं पर सहमति बनी है लेकिन इस बैठक के बाद भी सीमा पर स्थिति सामान्य होती नहीं दिख रही है।