- लोजपा में उठापठक के बीच अहमदाबाद पहुंचे हैं चिराग पासवान
- बताया जाता है कि उनकी मुलाकात पीएम के करीबी नेता से हुई है
- चिराग का कहना है कि वह अपनी निजी यात्रा पर अहमदाबाद आए हैं
नई दिल्ली : लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में फूट का सामना कर रहे चिराग पासवान सोमवार को अहमदाबाद में थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक करीबी नेता से मुलाकात की है। रिपोर्टों के मुताबिक इस मुलाकात के बारे में चिराग ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया बल्कि इतना कहा कि वह अपनी निजी यात्रा पर आए हैं। पीएम के करीबी नेता से चिराग की मुलाकात की खबरें ऐसी समय आई हैं जब लोजपा नेता ने कहा है कि 'यह सही नहीं है कि जब हनुमान का वध हो रहा हो तो राम चुप रहें।'
इस समय फूट का सामना कर रही लोजपा
लोजपा में इस समय दो फाड़ हो गया है। चिराग के चाचा पशुपति पारस पार्टी के पांच सांसदों के साथ बगावती तेवर अपना लिया है। चाचा-भतीजा के बीच पार्टी पर अपने हक और दावे की लड़ाई चल रही है। चिराग पार्टी अपनी पकड़ मजबूत दिखाने की कोशिश में हैं।
भाजपा का समर्थन न मिलने से आहत
लोजपा नेता चिराग ने मंगलवार को कहा था कि भाजपा के साथ उनके संबंध 'एकतरफा' नहीं रह सकते हैं और यदि उन्हें घेरने का प्रयास जारी रहा तो वह अपने भविष्य के राजनीतिक कदमों को लेकर सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे। रिपोर्टों के मुताबिक चिराग ने कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान और वह हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा के साथ 'चट्टान' की तरह खड़े रहे, लेकिन जब इन 'कठिन' समय के दौरान उनके हस्तक्षेप की उम्मीद थी, तो भाजपा साथ नहीं थी।
बिहार चुनाव के समय खुद को पीएम मोदी का 'हनुमान' बताया था
लोजपा में आए संकट के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से समर्थन न मिलने पर चिराग आहत दिखाई दिए। इसके जवाब में चिराग ने कहा, 'हनुमान को अगर मदद मांगनी पड़े राम से... तो तो फिर हनुमान काहे के और राम काहे के।' बिहार विधानसभा चुनाव में जद-यू के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारने वाले चिराग ने चुनाव प्रचार के दौरान खुद को प्रधानमंत्री मोदी का 'हनुमान' बताया था।
पांच जुलाई से हाजीपुर से 'आशीर्वाद यात्रा' शुरू करेंगे चिराग
चिराग अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए पांच जुलाई से हाजीपुर से 'आशीर्वाद यात्रा' शुरू करेंगे। इस दिन उनके पिता की जयंती है। लोजपा में संकट के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने चिराग को अपने साथ आने का न्योता दिया है लेकिन चिराग ने उनकी पेशकश का कोई जवाब नहीं दिया है। लोजपा में छह सांसद हैं जिनमें चिराग को छोड़कर बाकी चार सांसद उनके चाचा पशुपति के साथ हैं। लोजपा के पास कोई विधायक नहीं है।