नई दिल्ली : देश के गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल 2019 राज्यसभा में पेश किया। उसके बाद प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि आपके द्वारा लाया गया बिल भारतीय संविधान की नींव पर हमला है, यह भारतीय गणराज्य पर हमला है। इससे भारत की आत्मा आहत होती है। यह हमारे संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है। यह नैतिकता परीक्षण में विफल है। संविधान के लिहाज से बिल फेल है।
उन्होंने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि एनआरसी को लेकर असम जल रहा है। लोगों के मन में असुरक्षा का भावना क्यों है? उन्होंने कहा कि असम में महिलाएं और बच्चे सड़क पर क्यों आए? 21वीं सदी में लोगों को डिटेंशन सेंटर में भेजना शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में, हम पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं, और हम अपने बुजुर्गों से मिलते हैं। इसलिए अगर सरदार पटेल मोदी जी से मिलते हैं, तो वे उनसे बहुत नाराज होंगे, गांधी जी बेशक उदास होंगे लेकिन पटेल वास्तव में बहुत नाराज होंगे।
आनंद शर्मा ने कहा कि हिंसा से पीड़ित लोगों को भारत ने हमेशा से शरण दी है। धर्म के आधार पर कभी नागरिकता नहीं दी है। किसी भी पार्टी का घोषणा पत्र संविधान से बड़ा नहीं है। गांधी जी के चश्मे से हिंदुस्तान को देखिए। बीजेपी ने देश के बंटवारे का आरोप कांग्रेस पर लगाए। कांग्रेस ने नहीं, सावरकर ने 1937 में टू नेशन थ्योरी दी थी।