- नागरिकता संशोधन बिल 2019 संसद से पास हो गया है, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन जाएगा
- कानून बनने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जा सकेगी
- गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत के मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं हैं, वे देश के नागरिक बने रहेंगे
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल 2019 लोकसभा में पास होने के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। राज्यसभा में बिल के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ वोट किया। इस बिल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर होने के बाद यह कानून बन जाएगा। कानून बनने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जा सकेगी। संसद से इस बिल के पास होने के बाद मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ट्वीट कर इस प्रकार खुशी मनाई।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक,एयर स्ट्राइक,अयोध्या राम मंदिर, आर्टिकल 370 का जाना,लद्दाख का नया यूनियन टेरिटरी बनना एवं CAB बिल पास होना। आज श्यामाप्रसाद मुखर्जी एवं डॉ. हेडगेवार ऊपर से मोदी जी को आशीर्वाद दे रहे होंगे। वक्त है अब जनसंख्या नियंत्रण कानून की तरफ कदम बढ़ने का।
इस बिल को लेकर कहा जा रहा है कि देश के मुसलमान खिलाफ है और वे डरे हुए हैं। इस पर सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत के मुसलमान भारतीय नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे। देश के मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं हैं। उनकी नागरिकता नहीं ली जा रही है। किसी के बहकावे वे न आवें। उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।