- नागरिकता संशोधन विधेयक पर डीएमके को ऐतराज
- डीएमके ने तमिल शरणार्थियों के मुद्दे को उठाया
- तमिल शरणार्थियों के समर्थन में उतरे धार्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल पर लोकसभा में डीएमके के सांसदों मे विरोध किया था। डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने श्रीलंका के तमिल शरणार्थियों के मुद्दे को उठाया जो चेन्नई में पिछले 35 वर्षों से रह रहे हैं। अब धार्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने भी सरकार से उन्हें भारतीय नागरिकता देने की मांग की है।
श्री श्री रविशंकर ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए कहा कि वो सरकार से अपील करते हैं कि चेन्नई में उन तमिल शरणार्थियों को भी सरकार नागरिता प्रदान करने के बारे में सोचे जो पिछले 35 वर्ष से भारत में रह रहे हैं। इस ट्वीट के जवाब में कई लोग उनके समर्थन में उतरे और कहा कि सरकार का दोहरा रुख समझ के बाहर है। एक तरफ तो वो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान की जिक्र कर रही है लेकिन श्रीलंका से आए तमिल शरणार्थियों के मुद्दे पर खामोश है।
डीएमके नेताओं ने कहा कि सरकार के इस कदम से संविधान की मूल भावना प्रभावित हो रही है। हम एक तरफ वसुधैव कुटुंबकम की बात करते हैं तो दूसरी तरफ अल्पसंख्यकों को भारत में आने से रोक रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी यूएन में जाकर तमिल विद्वानों की सुक्तियों का प्रयोग करते हैं। लेकिन दूसरी तरफ देश को शरणार्थी और घुसपैठियों में उलझा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह पता होना चाहिए कि जाफना में क्या कुछ हुआ था और किन हालातों में तमिल वहां से भाग कर भारत आए।