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उप सेना प्रमुख सैनी ने अमेरिका में परखीं 'जंगल वार' की बारीकियां, हिंद-प्रशांत कमान से चीन को संदेश

Updated Oct 21, 2020 | 08:59 IST

Lt Gen S K Saini at US Indo-Pacific Command : लेफ्टिनेंट जनरल सैनी अमेरिकी सेना की 25वीं इन्फैंट्री डिविजन लाइटिंग अकेडमी पहुंचे। यहां उन्होंने चिनूक हेलिकॉप्टर का युद्ध कौशल देखा।

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अमेरिका के हिंद-प्रशांत कमान से भारत का चीन को संदेश। तस्वीरें-इंडियन आर्मी
मुख्य बातें
  • उप सेना प्रमुख सैनी ने हवाई स्थित अमेरिका के हिंद-प्रशांत कमान का दौरा किया
  • इस कमान में तीन लाख पचहत्तर हजार से अधिक सैन्य एवं नागरिक कर्मी हैं
  • सैनी अमेरिकी सेना की 25वीं इन्फैंट्री डिविजन लाइटिंग अकेडमी पहुंचे

नई दिल्ली : उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी ने अमेरिका के दौरे पर पहुंचे हैं। उन्होंने मंगलवार को हवाई स्थित अमेरिका के हिंद-प्रशांत कमान का दौरा किया और यहां अमेरिकी सैन्य कमांडरों के साथ सामरिक एवं युद्ध रणनीति पर चर्चा की। दोनों देशों की सेनाओं के बीच करीबी सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। बता दें कि उप सेना प्रमुख का यह अमेरिकी दौरा ऐसे समय हुआ है जब सीमा पर चीन के साथ भारत का तनाव चल रहा है।   

लेफ्टिनेंट जनरल सैनी अमेरिकी सेना की 25वीं इन्फैंट्री डिविजन लाइटिंग अकेडमी पहुंचे। यहां उन्होंने चिनूक हेलिकॉप्टर का युद्ध कौशल देखा। साथ ही जंगल की लड़ाई में अमेरिकी सेना किस तरह दुश्मन को छकाती है उसे भी जांचा परखा। जंगल में युद्ध के लिए अमेरिकी सेना अपने जवानों को विशेष प्रशिक्षण देती है। 

अमेरिका के हिंद-प्रशांत कमान पहुंचने पर भारतीय सैन्य अधिकारी की अगवानी सीओएस ने की। यहां सैनी ने वर्चुअल बैठक के जरिए लेफ्टिनेंट जनरल माइक मिनिहान और डिप्टी कमांडरों के साथ दोनों देशों के बीच भविष्य के सैन्य सहयोग एवं प्रशिक्षण पर चर्चा की।

इस कमान में तीन लाख पचहत्तर हजार से अधिक सैन्य एवं नागरिक कर्मी हैं। यह अमेरिका सेना का एक बड़ा केंद्र है। इस कमान की जिम्मेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी हितों की रक्षा करना है। 

लेफ्टिनेंट जनरल सैनी का यह दौरा काफी अहम है क्योंकि इसी महीने 26 और 26 अक्टूबर को अमेरिका और भारत के बीच तीसरी ‘टू प्लस टू’वार्ता नई दिल्ली में होने जा रही है। इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह एवं एस जयशंकर के साथ वार्ता करेंगे। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच BECA पर करार हो सकता है। BECA करार हो जाने से भारतीय सेना को अपनी मिसाइलों को दागने के लिए सटीक जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी।  

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