- 75 दिवसीय 'अमृत डोज' के लिए तेज करें प्रयास: मुख्यमंत्री योगी
- कोविड संक्रमण नियंत्रण में लेकिन सतर्कता-सावधानी जरूरी, बाहर निकलें तो फेस मास्क जरूर लगाएं
- पशुओं को लंपी वायरस से बचाने मिशन मोड में सरकार, चलेगा वृहद टीकाकरण अभियान
लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात को लेकर लोगों को फिर चेताया है कि कोविड संक्रमण को लेकर लापरवाही हर्गिज ना बरतें और जब भी बाहर निकलें तो इससे बचाव के लिए फेस मास्क जरूर लगाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लोकभवन में उच्चस्तरीय बैठक में कोविड संक्रमण, लंपी वायरस से बचाव और महिला व बाल अपराधों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पेश है दिशानिर्देश की मुख्य बातें-
ट्रेस, टेस्ट और ट्रीटमेंट और टीकाकरण की रणनीति के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। कोविड संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण के टीके की 'अमृत डोज' (बूस्टर/प्रिकॉशन डोज) दी जा रही है। साप्ताहिक वृहद बूस्टर डोज अभियान का आयोजन सफल हो रहा है। पिछले रविवार 19 लाख से अधिक लोगों ने बूस्टर डोज का लाभ लिया। अब तक हमने 02 करोड़ से अधिक लोगों ने बूस्टर डोज लगवा लिया है। इसमें और तेजी की जरूरत है।
कोविड की दैनिक पॉजिटिविटी दर में गिरावट देखने को मिल रही है। एक सप्ताह पूर्व तक जो दैनिक पॉजिटिविटी दर 1.6% तक हो गई थी, विगत दिवस 0.8% दर्ज की गई। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 4463 है। इनमें 4101 लोग घर पर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। विगत 24 घंटों में 68 हजार से अधिक टेस्ट किए गए और 561 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 388 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए।
बरसात के इस मौसम में अनेक बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की आशंका है। अस्पतालों में दैनिक ओपीडी के रिकार्ड बताते हैं कि वायरल/मौसमी बीमारियां बढ़ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा तत्काल सभी सरकारी अस्पतालों, सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेजों में दवाओं की उपलब्धता, डॉक्टरों की उपस्थिति, जांच उपकरणों की कार्यशीलता की जांच कर ली जाए। डॉक्टर समय से ओपीडी में बैठें। कहीं से भी कोई शिकायत मिले तो तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की जाए।
लंपी वायरस से सुरक्षा के लिए पशु टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जाना जरूरी है। टीके की उपलब्धता के लिए भारत सरकार से भी सहयोग प्राप्त होगा। यह मक्खी और मच्छर से फैलने वाला वायरस है, ऐसे में ग्राम्य विकास, नगर विकास और पशुपालन विभाग परस्पर समन्वय से गांव व शहरों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। संक्रमित पशु की मृत्यु की दशा में अंतिम क्रिया पूरे मेडिकल प्रोटोकॉल का साथ कराया जाए। किसी भी दशा में संक्रमण का प्रसार न हो।