नई दिल्ली। पूरा देश 21 दिनों तक लॉकडाउन में है। लेकिन पिछले तीन दिनों में हाईवे पर जिस तरह से प्रवासी मजदूरों को अपने घरों की तरफ जाते हुए देखा गया है वो चिंताजनक था। खासतौर से आनंद विहार आईएसबीटी पर जिस तरह से हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी उसके बाद यह लगने लगा कि इस तरह लॉकडाउनका मकसद फेल हो जाएगा।
आनंद विहार आईएसबीटी पर इस तरह की भीड़ पर दिल्ली और यूपी सरकार में आरोप प्रत्यारोप का दौर चला। लेकिन गृहमंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अब जो प्रवासी मजदूर जहां हैं उन्हें रोकने की जिम्मेदारी वहां के डीएम और एसपी की है। इसके बाद हालात में बदलाव हुआ। अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को खत लिखकर कहा है कि इस आपदा से निपटने के लिए दोनों राज्यों को बेहतर समन्वय दिखाना होगा।
यूपी सरकार ने दिल्ली से सामांजस्य बनाने के लिए दो अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है जिनके जरिए प्रवासी मजदूरों की दिक्कतों का निराकरण किया जा सकता है। योगी आदित्यनाथ की चिट्ठी में लिखा गया है कि लॉकडाउन का मकसद ही कोरोना के प्रसार को रोकना है। ऐसे में दोनों प्रदेशों को देखना होगा कि किस तरह से वो पीएम की अपील पर आगे बढ़ते हैं। प्रवासी मजदूरों की दिक्कतों पर यूपी सरकार गंभीर है और हम यह चाहते हैं कि दिल्ली सरकार भी इस मुद्दे पर संजीदगी के साथ आगे बढ़ेगी।