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अग्निपथ योजना पर तीनों सेनाओं का साझा बयान, बताई खूबियां और बोले- हिंसा में शामिल लोगों की नहीं होगी भर्ती

Updated Jun 19, 2022 | 16:17 IST

देश भर में अग्निपथ योजना का विरोध हो रहा है। इसको लेकर युवाओं में फैले भ्रम को दूर करने के लिए तीनों सेनाओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और बताया कि 'अग्निवरों' को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है, हिंसा में शामिल लोगों की भर्ती नहीं होगी।

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अग्निपथ योजना के विरोध के बीच तीन सेनाओं ने रविवार (19 जून) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर युवाओं का भ्रम दूर करने का प्रयास किया। अग्निपथ योजना पर सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि हर साल करीब 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले रिटायरमेंट ले रहे हैं। कभी किसी ने उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि रिटायरमेंट के बाद वे क्या करेंगे? इस नई योजना पर उन्होंने कहा कि यह सुधार लंबे समय से लंबित था। हम इस सुधार के साथ युवा और अनुभव लाना चाहते हैं। आज बड़ी संख्या में जवान करीब 30 साल के हैं और अधिकारियों को पहले की तुलना में बहुत बाद में कमान मिल रही है। 

अनिल पुरी ने कहा कि 'अग्निवरों' को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले 'अग्निवरों' को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा घोषित 'अग्निपथ' के लिए आरक्षण के संबंध में घोषणाएं पूर्व नियोजित थीं और अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद हुई आगजनी की प्रतिक्रिया में नहीं थीं। उन्होंने कहा कि अगले 4-5 वर्षों में 50,000-60,000 अग्निवीरों की भर्ती होगी और बाद में बढ़कर 90,000 से 1 लाख हो जाएगा। हमने योजना का विश्लेषण करने और बुनियादी ढांचा क्षमता बढ़ाने के लिए 46,000 से छोटी शुरुआत की है। निकट भविष्य में हमारी 'अग्निवर' की संख्या बढ़कर 1.25 लाख हो जाएगी और यह 46,000 पर नहीं रहेगी जो कि वर्तमान आंकड़ा है।

जनरल अनिल पुरी ने कहा कि हमने इस योजना को लेकर हाल में हुई हिंसा का अनुमान नहीं लगाया था। सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। सभी उम्मीदवारों को लिखित शपथ देनी होगी कि वे किसी भी तरह की आगजनी/हिंसा में शामिल नहीं होंगे और अगर उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज होती है, तो वे शामिल नहीं हो सकते। उन्हें (आकांक्षी) नामांकन फॉर्म के हिस्से के रूप में लिखने के लिए कहा जाएगा कि वे आगजनी का हिस्सा नहीं थे, उनका पुलिस सत्यापन किया जाएगा। अनुशासन में भारतीय सेना की नींव है आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं। प्रत्येक व्यक्ति एक प्रमाण पत्र देगा कि वे विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं थे। पुलिस वेरिफिकेशन 100% है, उसके बिना कोई भी शामिल नहीं हो सकता। अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं। अभ्यर्थी नामांकन पत्र में शपथ पत्र लिखेंगे कि वे आगजनी में शामिल नहीं हैं। पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाएगा। और अगर एफआईआर दर्ज की जाती है, तो वे इसमें शामिल नहीं हो सकते।

एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि 24 जून से अग्निवीर बैच नंबर 1 रजिस्ट्रशन प्रक्रिया और 24 जुलाई से फेज 1 ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया शुरू होगी। पहला बैच दिसंबर तक नामांकित होगा और ट्रेनिंग 30 दिसंबर तक शुरू होगा।

अग्निपथ योजना पर वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि इस साल 21 नवंबर से पहला नौसैनिक 'अग्निवर' ट्रेनिंग प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का, ओडिशा में पहुंचना शुरू हो जाएगा। इसके लिए महिला और पुरुष दोनों अग्निवीरों की अनुमति है। भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में विभिन्न भारतीय नौसेना के जहाजों पर नौकायन करने वाली 30 महिला अधिकारी हैं। हमने तय किया है कि अग्निपथ योजना के तहत हम महिलाओं की भी भर्ती करेंगे। उन्हें युद्धपोतों पर भी तैनात किया जाएगा।

अग्निपथ योजना पर लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने कहा कि दिसंबर के पहले सप्ताह तक, हमें 25,000 'अग्निवीरों' का पहला बैच मिलेगा और दूसरा बैच फरवरी 2023 के आसपास शामिल किया जाएगा, जिससे यह 40,000 हो जाएगा।

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