- गुलाम नबी आजाद के विरोध में जम्मू में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं किया प्रदर्शन
- कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने गुलाम नबी आजाद का पुतला जलाया
- कांग्रेस का आरोप , जब पार्टी के सबसे ज्यादा जरूरत, पीएम मोदी की कर रहे हैं तारीफ
नई दिल्ली। हाल ही में कांग्रेस के बागी नेताओं को जिन्हें जी-23 की संज्ञा दी गई है वो अब खुलकर कांग्रेस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। हाल ही में जम्मू में एक बैठक के दौरान गुलाम नबी आजाद ने दबी जुबान पीएम की तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि लाख विरोध के बावजूद हमें कुछ सच्चाईयों को स्वीकार करना होगा। उनके इस बयान के बाद जम्मू में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया।
जम्मू में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गुलाम नबी आज़ाद के खिलाफ नारे लगाए और जम्मू में उनका पुतला जलाया। वे कहते हैं, "कांग्रेस ने उन्हें उच्च सम्मान में रखा था, लेकिन आज जब इसका समर्थन करने का समय है, तो उन्होंने बीजेपी के साथ दोस्ती की। वह डीडीसी चुनाव प्रचार के लिए नहीं आए थे, लेकिन अब वह यहां हैं, पीएम की प्रशंसा करते हैं।
पीएम नहीं भूले हैं अपनी जड़ें
गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि कम से कम पीएम नरेंद्र मोदी अपनी जड़ें नहीं भूले हैं, बता दें कि राज्यसभा में आजाद की विदाई के वक्त पीएम ने उनकी तारीफ करते हुए भावुक हुए थे। कुछ खास प्रसंगों का जिक्र करके यह बताने की कोशिश की थी कि भले ही आजाद की विचारधारा उनसे ना मिलती रही हो। एक बात तो तय है कि उन्होंने राष्ट्रहित की हमेशा चिंता की।
नए और पुराने का है भेद
अब सवाल यह है कि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के भड़कने की वजह क्या है। दरअसल जम्मू में कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे जनक राज गुप्ता के श्रद्धांजलि सभा में जी-23 के नेता जुटे थे और एक सुर में कांग्रेस पार्टी की कार्यप्रणाली की मुखालफत की गई। जी-23 के नेताओं ने कहा था कि कहीं न कहीं हम अपनी जड़ों को भूल चुके हैं और उसका नतीजा सामने भी है। लेकिन जानकार कहते हैं कि असली वजह कुछ और है। पार्टी की युवा पीढ़ी को लगता है कि पार्टी के पुराने नेता पारंपरिक राजनीतिक के जरिए आगे बढ़ाना चाहते हैं।लेकिन अब सियासी तस्वीर बदल चुकी है।