- राहुल गांधी बोले- याद रख लो केंद्र सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना होगा
- अमरिंदर सिंह भी बोले- काले कृषि कानूनों की वापसी से कम में नहीं तैयार होंगे किसान
- किसान आंदोलन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने 4 सदस्यों वाली कमेटी का किया है गठन
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से समिति गठित की जा चुकी है तो दूसरी तरफ 15 जनवरी को क्या किसानों के साथ बैठक होगी उस पर सस्पेंस बरकरार है। इन सबके बीच विदेश से लौटने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर किसानों के पक्ष में सरकार पर हमला किया। इसके साथ ही पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को जिद छोड़ देना चाहिए। यह तो स्पष्ट है कि अब किसान इन काले कानूनों को वापस लेने से कम पर मानने वाले नहीं हैं। लेकिन सबसे पहले राहुल गांधी ने क्या ट्वीट किया उसे समझना जरूरी है।
केंद्र को राहुल गांधी की नसीहत
राहुल गांधी ने कहा कि मेरी बातों को नोट कर लीजिए। इस सरकार को काले कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा। बड़े आश्चर्य की बात है कि यह सरकार जिद पर अड़ी हुई है। सरकार को किसानों की सुध नहीं है। लेकिन एक बात साफ है कि केंद्र सरकार को झुकना ही होगा।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दी सलाह
कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में यह स्पष्ट कर दिया कि केंद्र सरकार को काले कृषि कानूनों को निरस्त कर देना चाहिए क्योंकि किसान इससे कम पर मानने के लिए तैयार नहीं होंगे। यह उनकी समझ के बाहर है कि केंद्र सरकार हठवादी रुख क्यों अख्यितार किए हुई है। केंद्र सरकार जमीनी हकीकत के संपर्क से बाहर है, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य मंत्रिमंडल की एक बैठक में कहा, जिनके सदस्यों ने असमान रूप से घोषणा की कि फार्म कानूनों को निरस्त करना वर्तमान इम्ब्रिलियो से बाहर का एकमात्र तरीका था।
एमएसपी को वैधानिक आधार देने में परेशानी क्यों
पंजाब मंत्रिपरिषद ने मांग करते हुये कहा कि आखिर केंद्र सरकार को मंडी के बाहर एमएसपी को वैधानिक आधार देने में दिक्कत ही क्या है। यह हकीकत है को जो अन्नदाता पूरे देश को खिलाते हैं वही अपनी उपज की सही कीमत नहीं पा रहे हैं। अमरिंदर सिंह कैबिनेट ने कहा कि इस मामले पर पहले ही बहस हो चुकी है और किसानों और भारत सरकार के बीच आयोजित आठ दौर की वार्ता में चर्चा की गई है।
अमरिंदर सिंह मंत्रिमंडल ने कहा कि कि भारत सरकार को इस मामले में प्रतिष्ठा और अहंकार पर खड़ा नहीं होना चाहिए, जो कि, यदि अनसुलझे हैं, तो आने वाले दशकों के लिए देश के विनाशकारी नतीजों के लिए। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि अगर केंद्र कानूनों में व्यापक संशोधन कर सकता है, तो विधायकों को न रिझाने की यह सलाह लाजिमी है।