भोपाल : आरक्षण को लेकर सियासत एक बार फिर गरमाती नजर आ रही है। महाराष्ट्र के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार की ओर से ऐसे संकेत दिए गए हैं, जिससे बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे के आमने सामने आ गई है। अब तक कांग्रेस जहां बीजेपी पर पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षण धीरे-धीरे समाप्त करने के आरोप लगाती रही, वहीं अब कांग्रेस शासित राज्यों में आरक्षण को लेकर बड़ा ऐलान किया जा रहा है, जिससे इन राज्यों में विपक्षी बीजेपी प्रदेश सरकारों पर हमलावर हो गई है।
कमलनाथ के मंत्री बोले
महाराष्ट्र में 'महा विकास अगाड़ी' गठबंधन सरकार ने जबसे मुस्लिम समुदाय के लोगों को आरक्षण देने की बात कही है, मध्य प्रदेश में भी ऐसी मांग उठने लगी है, जहां कांग्रेस की सरकार है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार में कैबिनेट मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा ने बड़े संकेत दिए हैं। प्रदेश सरकार में जल संसाधन मंत्री कराड़ा के मुताबिक, राज्य सरकार जल्द ही अल्पसंख्यक समुदाय को आरक्षण के संबंध में महाराष्ट्र की तरह घोषणा कर सकती है, जिसमें उससे कहीं बेहतर प्रावधान होंगे।
नवाब मलिक ने की थी घोषणा
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने शुक्रवार को ही मुस्लिम समुदाय को स्कूल व कॉलेज की शिक्षा में आरक्षण देने की बात कही थी, जिसे बीजेपी ने संविधान के विपरीत बताया है। मलिक ने संवादददाताओं से बातचीत में कहा, 'इस संबंध में पूर्ववर्ती सरकार ने फैसला लिया था, जिस पर हाई कोर्ट ने शिक्षा में 5 प्रतिशत तक आरक्षण की अनुमति दी थी। हम दो भागों में आरक्षण की घोषणा करते हैं। हम हाई कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए कानून लाएंगे।'
बीजेपी ने बताया 'तुष्टिकरण'
अब बीजेपी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'तुष्टिकरण की राजनीति' करार दिया। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने धार्मिक आधार पर आरक्षण को असंवैधानिक भी बताया। उन्होंने कहा कि संविधान में धार्मिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इससे ओबीसी के लिए निर्धारित आरक्षण पर भी असर पड़ेगा।