- 2007 के विधानसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने मोदी को मौत का सौदागर कहा था।
- इसी तरह 2014 के लोक सभा चुनाव से पहले चायवाला बयान भी कांग्रेस पर बैकफायर हो गया था।
- चौकीदार चोर है बयान पर भी गुलाम नबी आजाद ने एक इंटरव्यू में अहम खुलासे किए हैं।
Congress Tweet On RSS Uniform: कांग्रेस पार्टी (Congress) द्वारा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के यूनीफॉर्म (अब हॉफ नेकर की जगह फुल पैंट हो चुकी है) की सुलगती हुई तस्वीर के ट्वीट ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है। भाजपा (BJP) जहां इसे कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से जोड़कर इसे 'आग लगाओ यात्रा' करार दे रही है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि जब हम आक्रामक होते हैं, तब वो पीछे हट जाते हैं। तो अगर वो आक्रामक होंगे, हम डबल आक्रामक होंगे। साफ है कि जैसे-जैसे गुजरात, हिमाचल प्रदेश सहित दूसरे राज्यों के चुनाव और 2024 के लोक सभा चुनाव नजदीक आएंगे। दोनों पार्टियों में तल्खी और बढ़ेगी।
कांग्रेस का यह ट्वीट ऐसे समय आया है, 2024 के पहले सबसे पहली चुनावी रणभेरी गुजरात चुनाव में बजेगी। ऐसे में पार्टी का यह ट्वीट एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है। और अगर कांग्रेस के पुराने बयानों को देखा जाय तो गुजरात विधानसभा चुनाव में सोनिया गांधी का बयान कांग्रेस पर बैकफॉयर कर गया था। और उसे चुनावों में बुरी हार का सामना करना पड़ा था।
2007 में सोनिया गांधी ने क्या कहा था
बात 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव की है। जब तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनाव प्रचार के दौरान गुजरात में थी। और उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी हुआ करते थे। उस वक्त दिसंबर की एक चुनावी रैली में सोनिया गांधी ने मोदी को 'मौत का सौदागर' कहा था। पार्टी की सोच थी की गुजरात में 2002 में हुए दंगे में मारे गए लोगों के परिवारों से पार्टी को सहानुभूति मिलेगी। और वह चुनाव जीत सकेगी। लेकिन चुनाव परिणाम बिल्कुल उलट आए। और भाजपा को 117 सीटें मिल गईं, जबकि कांग्रेस को केवल 59 सीटें मिल पाईं थी।
इस बार कांग्रेस के लिए गुजरात आसान नहीं
अगर कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का रूट मैप देखा जाय तो वह भले ही 12 राज्यों से होकर गुजर रही है। लेकिन उसके रूट मैप में गुजरात नहीं है। हालांकि पार्टी का कहना है कि राहुल गांधी चुनाव के दौरान प्रचार के लिए वहां जाएंगे। लेकिन अगर गुजरात में राजनीतिक परिस्थितियों को देखा जाय तो वहां पर इस बार के चुनाव दो पार्टी वाले नहीं होंगे। क्योंकि इस बार राज्य में तीसरी पार्टी के रूप में आम आदमी पार्टी ने जगह ले ली है। और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात के दौरे पर हैं, और वह भाजपा के निशाने पर ले रहे हैं। ऐसे में अगर निकाय चुनाव की तरह आम आदमी पार्टी ने राज्य में कांग्रेस के वोट में सेंध लगाई तो कांग्रेस को बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता है।
कांग्रेस 77 से घटकर 65 सीटों पर आई
2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। और उसने 182 में से 77 सीटें हासिल की थी। और भाजपा 22 साल बाद 100 सीटें नहीं जीत पाई थी। भाजपा को 99 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। लेकिन पिछले 5 साल में कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे से उसकी संख्या गिरकर 65 हो गई है। और हार्दिक पटेल जैसे पाटीदार नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। ऐसे में पार्टी के लिए 2022 की राह आसान नहीं दिखती है।
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चाय वाला और चौकीदार चोर भी पड़ा भारी
इसी तरह लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का चाय वाला बयान भी कांग्रेस को भारी पड़ गया था। मणिशंकर अय्यर ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को 'चायवाला' बता दिया था। इस बयान को भाजपा ने जमकर भुनाया और उसे मोदी के बैकग्राउंड से जोड़ दिया। नतीजा यह हुआ कि भाजपा की बहुमत के साथ सत्ता में वापसी हुई।
इसी तरह हाल ही में कांग्रेस से अलग हुए वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि पार्टी के कई नेता 2019 के लोक सभा चुनाव में राहुल गांधी के 'चौकीदार चोर है' कि बयान से सहज नहीं थे। 2019 के लोक सभा चुनाव में राहुल गांधी करीब-करीब हर प्रमुख रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'चौकीदार चोर' है कहा करते थे। लेकिन पार्टी का यह दांव भी काम नहीं आया। और चुनावों में कांग्रेस को केवल 52 सीटें मिलीं थीं।