- नागालैंड मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी का केंद्र सरकार से सवाल, आखिर क्यों हो रही है ऐसी घटनाएं
- नागालैंड में भ्रम में सुरक्षा बलों ने गोलियां दागी थीं
- सुरक्षा बलों के इस एक्शन पर हिंसा भड़क उठी थी।
देश के उत्तर पूर्व के राज्यों में से एक नागालैंड चर्चा में है। दरअसल सैन्य बलों ने गलतफहमी में गोलियां चलाईं जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई। इस सिलसिले में कोर्ट ऑफ एंक्वायरी के आदेश भी दिए गए हैं। इन सबके बीच संसद में सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने तफ्शील से जानकारी दी। लेकिन लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पूछा कि उत्तर पूर्व अशांत क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि आखिर इस तरह की घटना भविष्य में दोबारा ना हो इसके लिए कदम उठाने होंगे।
'क्यों सुलग रहा है उत्तर पूर्व'
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि गृहमंत्री का बयान यकीन के लायक नहीं है। नागालैंड से जिस तरह से अशांति की खबरें आई है उससे इसका कोई संबंध नहीं है। हमारा तो सीधा सीधा सवाल है कि आम लोगों पर गोलियां क्यों बरसाईं गईं और एक जवान की शहादत क्यों हुई। इसी तरह की एक घटना कुछ दिनों पहले मणिपुर में हुई जब एक कर्नल और उनके परिवार को मार दिया गया। आखिर उत्तर पूर्व के राज्यों में यह सब क्यों हो रहा है।
'ताकि इस तरह की घटना दोबारा ना हो'
गृहमंत्री ने कहा कि नागालैंड की हालात पर गृहमंत्रालय की नजर है, इस संबंध में नॉर्थ ईस्ट के अतिरिक्त सचिव लगातार नागालैंड के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी से संपर्क में हैं। पैरा मिलिट्री फोर्स के सीनियर अधिकारी खुद कैंप कर रहे हैं। हालात को सामान्य बनाने के लिए युद्ध स्तर पर कोशिश जारी है। यह निर्णय लिया गया है कि दोबारा इस तरह की घटना ना हो। नागालैंड की घटना पर भारत सरकार को खेद है, वो गलतफही का नतीजा था इस मामले में एसआईटी जांच के भी आदेश हैं। बता दें कि मोन जिले के तिरू गांव के पास सुरक्षाबलों की कार्रवाई में निर्दोष लोग मारे गए थे।