- भारत में कोरोना के केस अब 42 लाख के पार, हर दिन संक्रमितों की तादाद करीब अस्सी हजार
- संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अच्छी खबर यह कि मौत के आंकड़ों में आ रही है कमी
- कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों के मामले अब भारत से सिर्फ अमेरिका ऊपर
नई दिल्ली। पूरी दुनिया कोरोना महामारी का सामना कर रही है। कोरोना रूपी वायरस का सामना करने के लिए अलग अलग देशों में वैक्सीन पर काम जारी है, यह बात अलग है कि एक तरफ रूस तो दूसरी तरफ चीन का दावा है कि उनके पास कोरोवा वायरस के खिलाफ सुरक्षित वैक्सीन है, हालांकि रूस और चीन के दावे पर ज्यादातर देशों को ऐतबार नहीं है। इन सबके बीच दिन रविवार तारीख 6 सिंतबर 2020 का दिन इसलिए याद रखा जाएगा क्योंकि पूरी दुनिया में कोरोना के जितने केस दर्ज किए गए थे उनमें 40 फीसद का संबंद भारत से था।
रविवार को आए थे सबसे ज्यादा केस
भारत में कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 72,725 हो गई है। अगर रविवार के आंकड़े पर नजर डालें तो 94,000 से ज्यादा कोरोना के नए मामले सामने आए हैं, शनिवार का भी आंकड़ा रविवार के आंकड़े से ज्यादा अलग नहीं था। इसका अर्थ यह है कि शनिवार और रविवार को करीब 1,84,000 नए केस बढ़े हैं। अगर बात अमेरिका की करें तो कुल 73,202 नए केस रिपोर्ट हुए हैं, जबकि ब्राजील में यह आंकड़ा 45,805 का है। दोनों देशों के पूरे हफ्ते के नए मामलों को जोड़ दें तो यहा 1.2 लाख होता है। है।
राहत वाली बात भी है
हालांकि इन सबके बीच राहत भरी बात है कि सोमवार को देश में नए केसों की संख्या 74,960 हो गई। लेकिन सोमवार को कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1125 हो गई। यह आंकड़ा 1 दिन में सबसे ज्यादा है। भारत में सोमवार को 11,00 से ज्यादा कोरोना मरीजों की मौत हुई, अकेल महाराष्ट्र में 423 लोगों की जान गई है। यह आंकड़ा एक दिन में सबसे ज्यादा है, कोरोना के बढ़ते मामलों पर जानकारों का कहना है कि जिस तरह से टेस्ट की संख्या बढ़ी है उसका असर सामने आ रहा है। लेकिन अलग अलग इलाकों में जिस तरह से रुक रुक कर केस बढ़ रहे हैं वो हैरान करने वाले हैं।
देश के अलग अलग हिस्सों में रफ्तार अलग अलग
कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखें तो एक बात साफ है कि देश के अलग अलग हिस्सों से अलग अलग तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं। उदाहरण के लिए पिछले चार से पांच दिनों में दिल्ली में कोरोना के केस में इजाफा हुआ है। इस संबंध में जानकार कहते हैं कि दरअसल अनलॉक की वजह से भी लोगों के व्यवहार में बदलाव आया है। इसके अलावा इस तरह के हालात आते और जाते रहेंगे। एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि भारत के लिए एक साथ पीक के बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। अलग अलग इलाकों में अलग अलग आंकड़े सामने आएंगे। ऐसी सूरत में हमें ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।