- कोरोना की चपेट में आने से घर के 4 बेटों, 2 बहनों, मां और बड़ी मां ने दम तोड़ा
- 22 अप्रैल से लेकर 15 मई तक परिवार के 8 लोगों की जान गई
- किसी की भी आंखे नम हो जाएंगी कि एक ही घर में 4-4 विधवाएं हो गईं
लखनऊ : कोरोना (Corona) का कहर क्या होता है ये कोई उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे इमलिया पूर्वा गांव निवासी ओमकार यादव से पूछे जिन्होंने महज 25 दिनों के भीतर अपने परिवार के 7 सदस्यों को खो दिया वहीं आठवें सदस्य की मौत हार्ट अटैक से हो गई। ओमकार यादव के पास कुछ दिन पहले तक बड़ा और भरापूरा परिवार था जो कोरोना त्रासदी की भेंट चढ़ गया, इस घातक महामारी ने उनके पूरे परिवार को ही उजाड़ दिया,ये जानकर किसी की भी आंखे नम हो जाएंगी कि एक ही घर में 4-4 विधवाएं हो गईं।
ओमकार यादव बताते हैं कि 22 अप्रैल से लेकर 15 मई तक परिवार के 8 लोगों की जान गई है, कोरोना ने पूरे परिवार को उजाड़ दिया, सोमवार को जब 5 लोगों का एकसाथ तेरहवीं संस्कार किया गया तो वहां मौजूद हर किसी के आंसू नहीं रूक रहे थे और जिसने भी इस खबर को जाना उनकी भी आंखे नम हो गईं।
तेरहवीं संस्कार में पांच लोगों की तस्वीर पर श्रद्धांजलि दी जा रही थी
तेरहवीं संस्कार में पांच लोगों की तस्वीर पर श्रद्धांजलि दी जा रही थी, जिसमें चार सगे भाई थे, हंसते खेलते इस परिवार में 4 औरतें विधवा हो गईं, कोरोना की चपेट में आने से घर के 4 बेटों, 2 बहनों, मां और बड़ी मां ने दम तोड़ दिया, घर की बड़ी मां अपने सामने हुई बेटों की मौत बर्दाश्त नही कर सकीं, उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
भाई की मौत की खबर सुनकर बड़ी अम्मा भी बीमार हो गई थीं
ओमकार यादव ने बताया कि उनके भाई को बुखार आ रहा था तबीयत ज्यादा खराब होने पर 24 अप्रैल को उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन दूसरे दिन दोपहर में मौत हो गई, उनके भाई की मौत की खबर सुनकर बड़ी अम्मा भी बीमार हो गई थीं इसी सदमे में हार्ट अटैक से उनकी भी मौत हो गई ऐसे करके क्रम से 6 और लोग क्रूर कोरोना के हाथों मौत का शिकार हो गए।
वहीं गांव वालों का का कहना है कि इस भयावह घटना के बावजूद सरकार की तरफ से न ही कोई सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई और न ही कोरोना संक्रमण की जांच अभी तक की गई है गांव में और भी कुछ लोग संक्रमित हुए थे।