- बीएचयू के वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर के आने की संभावना 2 से 3 महीने में
- कोरोना की तीसरी लहर कम घातक होगी- बीएचयू के वैज्ञानिक
- देश में टीकाकरण जितना अधिक होगा, तीसरी लहर की तीव्रता कम होगी
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लोगों के मन में तरह तरह के सवाल हैं। खास तौर से समय के बारे में और उसकी तीव्रता के बारे में। इस संबंध में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने खास जानकारी दी है। उनके मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर दो से तीन महीने बाद दस्तक दे सकती है, इसका अर्थ यह है कि खतरा नवंबर से लेकर दिसंबर के बीच है। इसके साथ ही उनके मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर कम घातक होगी।
मौजूदा आंकड़ों के हिसाब से गणना
बीएचयू के बॉयोलोजी विभाग की तरफ से देश के मौजूदा आंकड़ों के हिसाब से आंकलन किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जितना ज्यादा टीकाकरण कर पाने में तीसरी लहर को कम कर पाने में हम उतना ही अधिक कामयाब होंगे। इसके लिए खास तौर से केस की संख्या, टीकाकरण और सीरो पॉजिटिविटी को आधार बनाया गया है।
केरल और पूर्वोत्तर के राज्य चिंता की वजह
बीएचयू के वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर केरल और नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों को छोड़ दें तो बाकी जगहों से कोरोना के केस कम आ रहे हैं। अगर बात केरल और यूपी की करें तो यूपी में सीरी पॉजिटिविटी 70 फीसद के करीब और केरल में 40 फीसद है। लेकिन समय के हिसाब से केरल में सीरो पॉजिटिविटी रेट बढ़ जाएगा और उसका फायदा केसों में कमी के तौर पर नजर आएगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि यूपी जैसे बड़े राज्य से कोरोना केस में कमी की खबर अच्छा संकेत है।