- कोविशील्ड, कोवैक्सीन के रेगुलर मार्केटिंग की मिली इजाजत
- शर्तों के साथ निजी क्लिनिक भी एमआरपी पर खरीद सकते हैं वैक्सीन
- अभी तक इमरजेंसी में किया जा रहा था इस्तेमाल
नयी दिल्ली। भारत के दवा नियामक ने वयस्क आबादी में उपयोग के लिए कोविड-19 टीकों-कोविशील्ड और कोवैक्सीन को कुछ शर्तों के साथ बृहस्पतिवार को नियमित विपणन मंजूरी दे दी। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।मंत्री ने कहा कि सरकार का टीकाकरण अभियान जारी रहेगा क्योंकि इसके तहत सभी को पहली और दूसरी खुराक और वरिष्ठ नागरिकों के लिए एहतियाती खुराक प्रदान की जाती है।
दोनों टीके अब निजी क्लीनिकों पर होंगे उपलब्ध
मंजूरी के तुरंत बाद उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि दोनों टीके अब निजी क्लीनिकों में पूर्व-निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर उपलब्ध होंगे और लोग उन्हें खरीद सकते हैं।सूत्रों ने कहा कि धीरे-धीरे टीका बाजार में निजी अस्पतालों में पहले की तुलना में कम कीमत पर उपलब्ध होगा। एक सूत्र ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि जो लोग बूस्टर खुराक प्राप्त करने के इच्छुक हैं, वे अब निजी क्लीनिकों के माध्यम से इसका लाभ उठा सकते हैं क्योंकि निजी क्लीनिकों में उपलब्ध टीके का उपयोग किसी भी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है, चाहे वह पहली खुराक हो, दूसरी खुराक या बुस्टर खुराक हो।’’नये औषधि और नैदानिक परीक्षण नियम, 2019 के तहत यह मंजूरी दी गई है।
क्लीनिकल परीक्षणों के आंकड़ों को करना होगा पेश
शर्तों के तहत फर्मों को चल रहे क्लीनिकल परीक्षणों का डेटा प्रस्तुत करना होगा। टीकाकरण के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभावों पर नजर रखी जाएगी।केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने 19 जनवरी को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को कुछ शर्तों के साथ नियमित विपणन मंजूरी प्रदान करने की अनुशंसा की थी। इसके बाद भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने यह मंजूरी दी।एसआईआई के निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह ने इस मामले में 25 अक्टूबर को डीसीजीआई को एक आवेदन दिया था।
भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन का हो रहा है इस्तेमाल
इस पर डीसीजीआई ने पुणे स्थित कंपनी से अधिक डेटा और दस्तावेज मांगे थे जिसके बाद सिंह ने हाल में अधिक डेटा और जानकारी के साथ एक जवाब प्रस्तुत किया था।उन्होंने कहा था, ‘‘कोविशील्ड के साथ इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण और कोविड-19 की रोकथाम अपने आप में टीके की सुरक्षा और प्रभावशीलता का प्रमाण है।डीसीजीआई को भेजे गए एक आवेदन में हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के पूर्णकालिक निदेशक वी. कृष्ण मोहन ने कोवैक्सीन के लिए नियमित विपणन मंजूरी की मांग करते हुए टीके से संबंधित समूची जानकारी उपलब्ध कराई थी।मोहन ने आवेदन में कहा था कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने भारत में टीके (कोवैक्सीन) के विकास, उत्पादन और चिकित्सीय मूल्यांकन करने की चुनौती स्वीकार की थी।कोवैक्सीन और कोविशील्ड को तीन जनवरी को आपातकालीन उपयोग प्राधिकार (ईयूए) दिया गया था।