- कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के महामारी की चपेट में आने का खतरा है
- सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से तीसरी लहर की तैयारी अभी से करने के लिए कहा है
- अमेरिका, ब्रिटेन में अगले कुछ महीने में बच्चों को टीका लगना शुरू हो जाएगा
नई दिल्ली : कोरोना की दूसरी लहर से दुनिया अभी निपट भी नहीं पाई है कि तीसरी लहर की आशंका ने देशों को अलर्ट कर दिया है। भारत सहित दुनिया के तमाम देश महामारी की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस तीसरी लहर में 0 से 18 साल के बच्चे एवं किशोर निशाना बन सकते हैं। इसे देखते हुए बच्चों के लिए वैक्सीन की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है। अमेरिका और ब्रिटेन में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं तो कनाडा ने अपने यहां 12 साल से ऊपर के बच्चों को कोरोना टीका लगाने की मंजूरी दे दी है। बच्चों को टीका लगाने की अनुमति देने वाला वह दुनिया का पहला देश है।
महामारी की चपेट मेंअलग-अलग आयु वर्ग के लोग
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी के प्रत्येक लहर में अलग-अलग आयु वर्ग के लोग चपेट में आए हैं। भारत में पिछले साल मार्च-अप्रैल में कोरोना की जो पहली लहर आई उसमें 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग महामारी की चपेट में आए। दूसरी लहर में इस महामारी ने 50 साल से कम और 30 साल के ऊपर के लोगों को निशाना बनाना शुरू किया। चूंकि, भारत में अब 18 साल से ऊपर के व्यक्तियों को टीकाकरण जारी है। अगले कुछ महीने में 18 साल से ऊपर ज्यादातर लोगों को कोरोना का टीका लग चुका होगा। ऐसे में तीसरी लहर 0-18 साल के बीच के बच्चों एवं किशोरों को अपने गिरफ्त में ले सकती है। इसलिए बच्चों के लिए वैक्सीन तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है।
कनाडा ने अपने यहां टीके को दी मंजूरी
कोविड-19 की तीसरी लहर और बच्चों पर इसके खतरे को देखते हुए कनाडा ने अपने यहां 12 साल से अधिक के बच्चों को टीका लगाने की इजाजत दे दी है। कनाडा में 12 साल से ऊपर के बच्चों को फाइजर-बॉयोटेक का टीका लगेगा। अमेरिका और ब्रिटेन में बच्चों के लिए वैक्सीन पर ट्रायल चल रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में बच्चों को अगस्त की शुरुआत में कोरोना का टीका लगना शुरू हो जाएगा। रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की ओर से तैयार तैयार बच्चों के लिए वैक्सीन पर अध्ययन चल रहा है। इस अध्ययन के बाद बच्चों के टीकाकरण पर आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
- एस्ट्राजेनेका ब्रिटेन में 6 से 17 साल के बच्चों के लिए टीका तैयार कर रही है।
- भारत बॉयोटिक 5-18 साल के बच्चों के लिए तीसरे चरण के ट्रायल की इजाजत मांगी है।
- फाइजर-बायोटेक ने 12 से 15 साल के बच्चों के लिए एनरॉलमेंट किया है। फाइजर का टीका 16 साल से अधिक उम्र के बच्चों को लग रहा है।
- माडर्ना 12-19 साल के बच्चों के लिए वॉलिंटियर्स को एनरोल किया है।
- चीन में तीन से 17 साल के बच्चों के लिए ट्रायल चल रहा है।
- जॉनसन एंड जॉनसन नवजात बच्चों सहित 12 से 8 साल के बच्चों के लिए टीके का ट्रायल करने की तैयारी में है।
'द टेलिग्राफ' की रिपोर्ट में कहा गया कि छह साल से लेकर 17 साल के 300 वॉलिंटियर्स के अध्ययन का सुरक्षा डाटा शीघ्र आने वाला है और इस डाटा पर जून अथवा जुलाई में निष्कर्ष निकल सकता है।
अमेरिका में बच्चों के लिए फाइजर का टीका
अमेरिका में बच्चों के लिए फाइजर का टीका कतार में है। बाइडेन प्रशासन का कहना है कि जुलाई तक वह अपनी 70 प्रतिशत आबादी को कोरोना का टीका लगा देगा। अमेरिका में दो साल से लेकर 11 साल के बच्चों के लिए ट्रायल चल रहा है। फाइजर सितंबर में फूड एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से दो से 12 साल के बच्चों के को टीका लगाने की आपात मंजूरी मांगने वाली है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी का कहना है कि 16 से 85 साल के आयु वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीन की पूरी मंजूरी पाने के लिए उसकी योजना इस महीने आवेदन करने की है। फाइजर का कहना है कि गर्भवर्ती महिलाओं के टीके पर सुरक्षा डाटा अगस्त के शुरुआत में मिलने की उम्मीद है। एफडीए अगले सप्ताह 12 से 15 साल के बच्चों के लिए टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे सकता है।
भारत में अभी चल रहा ट्रायल
भारत में पहली और दूसरी लहर के दौरान बच्चों भी कोरोना से संक्रमित मिले हैं लेकिन इनमें संक्रमण ज्यादा गंभीर रहा है। इस वर्ग में संक्रमण का हल्का लक्षण मिला है। भारत में जो अभी कोरोना के टीके उपलब्ध हैं उन्हें अभी बच्चों को नहीं दिया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि बच्चों को लगाए जाने वाले टीके का प्रभाव एवं उसकी सुरक्षा जांचने के लिए अभी ट्रायल चल रहे हैं।