- राजभर बोले- ट्रंप की यात्रा के दौरान भारत में कोरोना वायरस ने दी दस्तक
- बोले- अगले रविवार तक हो जाएगा खत्म, ध्यान भटकाने के लिए मुद्दा बना रही सरकार
- मध्य प्रदेश की सिसायत पर दिया बयान, सीएम योगी पर की टिप्पणी
नई दिल्ली: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कोरोना वायरस को डोनाल्ड ट्रंप से जोड़ते हुए एक बयान दिया है जिसकी वजह से वह चर्चा में आ गए हैं। उनका कहना है कि भारत में कोरोना वायरस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे पर आया। वाराणसी के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कोरोना वायरस के साथ ही मध्यप्रदेश के सियासी घमासान और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर टिप्पणी की।
'अगले रविवार तक खत्म हो जाएगा कोरोना'
राजभर ने सोमवार को कहा, 'ट्रंप के दौरे से पहले कोरोना का कोई भी मामला नहीं आया था। उनके साथ ही यह वायरस भारत आया है। बीजेपी की सरकार लोगों का ध्यान भटकाने के लिए कोरोना का मुद्दा बना रही है। अगले रविवार तक कोरोना खत्म हो जाएगा।'
'मध्यप्रदेश के विधायकों को 100-100 करोड़ का ऑफर'
कोरोना वायरस के अलावा यहां वाराणसी में राजभर ने मध्यप्रदेश में मचे सियासी घमासान पर भी टिप्पणी की। राजभर ने मध्य प्रदेश में मचे सियासी घमासान पर कहा, 'मध्य प्रदेश में भाजपा ने विधायकों को 100-100 करोड़ का ऑफर दिया मिला है और साथ ही मंत्री पद का लालच भी दिया गया है। परिवार को विधायकों से नहीं मिलने दिया जा रहा है। भाजपा खुद को ऐसी वॉशिंग मशीन दिखा रही है, जिसकी एक तरफ से घुसो और दूसरे तरफ से साफ होकर निकलो।'
'दारू- मुर्गा उड़ा रहे बीजेपी नेता'
इन दो मामलों के अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी ओमप्रकाश राजभर ने टिप्पणी की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी परंपरा निभाने की नसीहत देते हुए उन्होंने कहा, 'सरकार सभी को गोमूत्र क्यों नहीं पिला रही है। लोगों को नेता मना कर रहे थे कि मीट न खाएं और नेता खुद कमरों में बैठकर दारू-मुर्गा उड़ा रहे थे। आज भारत का रुपया गिर रहा है। प्रधानमंत्री ने रेलवे, बैंक सब बेच दिया।' कोरोना को गंभीरता से न लेते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा, घोटालों, महंगाई, रोजगार, अपराधी को बचाने के लिए कोरोना को सामने लाया गया है।
राजभर ने होली मिलन समारोह पर बोलते हुए कहा कि हजारों साल से इस समारोह का आयोजन किया जा रहा है और इसके बावजूद हर साल हजारों लोग कत्लेआम कर दिए जा रहे हैं, ऐसे में भाईचारे का संदेश कहां से जाएगा।