- तमिलनाडु स्थित बायोटेक कंपनी मालिक की जान कोरोना के खिलाफ दवा के ट्रायल में गई
- भारत में वैक्सीन की दिशा में काम कई चरणों में, पीएम मोदी ने की थी समीक्षा
- इजरायल ने वैक्सीन बनाने का किया है दावा, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को इस साल के अंत तक दवा आने की उम्मीद
नई दिल्ली। कोरोना की वैक्सीन के लिए देश और दुनिया के अलग अलग हिस्सों में कोशिश जारी है। इस संक्रमण का ईलाज भी वैक्सीन में ही है। इस सिलसिले में तमिलनाडु स्थित एक बॉयोटेक कंपनी का मालिक और एक शोधकर्ता की तरफ से कोशिश की जा रही थी। लेकिन कंपनी के मालिक की प्रयोग के दौरान जान चली गई और शोधकर्ता की हालत खतरे से बाहर है। यहां यह समझना जरूरी है आखिर ऐसा क्या हुआ।
दरअसल कंपनी के मालिक और शोधकर्ता ने खुद के द्वारा बनाई गई दवा को पी गए। उनका मानना था कि उनकी दवा से कोरोना का वायरस मर जाएगा। लेकिन नतीजा खतरनाक साबित हुआ। कंपनी का मालिक राजकुमार ने जरूरत से ज्यादा दवा की डोज ली और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके साथ ही शोधकर्ता को भी परेशानी शुरू हुई। दोनों को अस्पताल ले जाया गया। लेकिन कंपनी के मालिक की मौत हो गई और शोधकर्ता की हालत खतरे से बाहर है। इस मामले में पुलिस मे जांच शुरू की है।
बता दें कि कोरोना वैक्सीन के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल के अंत तक वैक्सीन बनने का दावा किया है तो इजराइल का कहना है कि उसने वैक्सीन बना लिया है। इन सबके बीच ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की भी तरफ से चेडाक्स 1 बनाने का दावा किया जा रहा है। अगर बात भारत की करें तो पीएम नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में समीक्षा की थी। उन्होंने कहा था कि स्टॉर्ट अप को इस मुहिम में आगे आना चाहिए। तकनीकी जानकारियों को साझा करने के लिए हैकॉथन का भी सुझाव दिया था।