- कोरोना वायरस का खौफ लोगों में बढ़ता ही जा रहा है
- जयपुर का एक 10 मंजिला अस्पताल देखते-देखते खाली हो गया
- संदिग्ध दंपति के भर्ती होते ही लोगों में बढ़ने लगा इसका खौफ
- रातों-रात अस्पताल छोड़ कर जाने लगे मरीज और उनके परिजन
नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस के कारण संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। इस वायरस का भय किस कदर लोगों में छाया हुआ है इसका जीता जागता सबूत राजस्थान के जयपुर में देखने को मिला है। जयपुर के प्रतापनगर स्थित राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अस्पताल में गुरुवार को बेहद अजीब नजारा देखने को मिला।
इस अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में जैसे ही कोरोना वायरस से पीड़ित एक दंपति को रखा गया वैसे ही यहां पर भर्ती मरीज अस्पताल से छुट्टी लेकर जाने लगे। उनमें कोरोना वायरस का खौफ इस कदर बैठ गया कि जैसे ही उन्होंने सुना कि इस अस्पताल में कोरोना से पीड़ित मरीज भर्ती कराए गए हैं वे फौरन अस्पताल छोड़ कर जाने लगे।
डॉक्टरों के समझाने का भी असर नहीं
डॉक्टरों के समझाने पर भी मानने को राजी नहीं थे। देखते-देखते रात तक दस मंजिला अस्पताल खाली हो गया। कुछ परिजन तो रात के अंधेरे में पीड़ितों को अस्पताल से बाहर ले जाने लगे। सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती 9 लोगों को बुधवार को यहां स्थानांतरित किया गया।
छुट्टी लेकर जा रहे मरीज
जैसे ही लोगों को पता चला कि अस्पताल के वार्ड नंबर 286 में कोरोना वायरस के संदिग्धों को लाया गया है तो लोगों में डर बढ़ने लगा। इसके बाद 10 मंजिला अस्पताल से लोग छुट्टी ले-लेकर वापस जाने लगे। ना सिर्फ अस्पताल बल्कि परिसर में बने हॉस्टल से भी विद्यार्थी छोड़कर जाने लगे हैं।
आइसोलेशन वार्ड से बनाई दूरी
ना सिर्फ मरीज बल्कि कुछ स्टाफ ने भी आइसोलेशन वार्ड से दूरी बना ली। संदिग्धों की देख-रेख के लिए नर्सिंग स्टाफ और एक वार्ड ब्वॉय को रखा गया है जो कमरे से काफी दूर बैठे हुए नजर आए। सुरक्षा गार्ड भी वार्ड से दूरी बनाए हुए हैं। उनका कहना है कि लगातार उनके घर से दबाव बनाया जा रहा है कि वे वापस आ जाएं क्योंकि संक्रमण का खतरा बढ़ता ही जा रहा है।
लापरवाही बरतने वालों को निलंबित करने पर विचार
अस्पताल प्रशासन के हर तरह से समझाने पर भी इन पर किसी तरह का कोई असर नहीं दिख रहा है। राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया है। बढ़ते खतरे को देखते हुए डॉक्टरों और स्टाफ के अवकाश कैंसल कर दिए गए हैं बावजूद इसके वे छुट्टी पर रहे। इनमें डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारी मिलातर कुल 22 लोग हैं। खबर है कि इन्हें निलंबित करने का विचार किया जा रहा है।