- देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अब 2.36 लाख से ज्यादा हो गए हैं
- बीते 24 घंटों में यहां संक्रमण और मौतों की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है
- भारत अब दुनिया में इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित देशों में छठे स्थान पर है
नई दिल्ली : देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तमाम कोशिशों के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बीते सप्ताह में यहां संक्रमण के तकरीबन 60 हजार नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिसके बाद भारत दुनियाभर में इस घातक महामारी से सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची में छठे स्थान पर पहुंच गया है। यहां संक्रमण के मामले अब यूरोपीय देश इटली से भी अधिक हो गए हैं, जहां इस संक्रमण ने बड़ी तबाही मचाई है। भारत से अधिक संक्रमण के मामले अब बस ब्रिटेन, स्पेन, रूस, ब्राजील और अमेरिका में ही हैं।
24 घंटों में संक्रमण, मौत के रिकॉर्ड केस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अब 2.36 लाख से ज्यादा हो गए हैं, जबकि मृतकों की संख्या 6600 से अधिक हो गई है। बीते 24 घंटों में यहां संक्रमण के 9,887 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 294 लोगों की जान गई है। यह 1 दिन में संक्रमण और मौत, दोनों लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। यह लगातार तीसरा दिन है, जब यहां संक्रमण के मामले एक दिन में 9 हजार से अधिक दर्ज किए गए हैं।
कई राज्यों में 10 गुना बढ़ोतरी
देश के कई राज्यों में संक्रमण के मामलों में बीते कुछ दिनों में 10 गुना या उससे भी अधिक बढ़ोतरी देखी गई है। इसकी वजह 1 मई से विशेष ट्रेनों से प्रवासियों के महानगरों से अपने गृह राज्यों की ओर पलायन को माना जा रहा है। इसके लिए 7 मई से शुरू हुई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिसके जरिये विभिन्न देशों में फंसे प्रवासी भारतीयों को पहले देश और फिर उनके गृह राज्यों में पहुंचाया गया। साथ ही 25 मई से देशभर में घरेलू उड़ान भी शुरू हुआ है, जिससे बड़ी संख्या में लोग अपने राज्यों में पहुंचे हैं।
महाराष्ट्र सर्वाधिक प्रभावित
देश में कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक मामले अब भी महाराष्ट्र में हैं, जहां मुंबई सर्वाधिक प्रभावित हुई है। महाराष्ट्र में संक्रमण के मामले 80 हजार से भी अधिक हैं, जबकि 2,849 लोग अब तक दम तोड़ चुके हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी संक्रमण के मामले पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़े हैं, जहां अब यह आंकड़ा 26 हजार को पार कर गया है, जबकि 700 से अधिक लोगों की अब तक यहां जान जा चुकी है।