- भारत में कोरोना वैक्सीन अलग अलग चरणों में
- पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीन सेंटर्स का किया था दौरा
- प्राथमिकता के आधार पर लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी।
नई दिल्ली। कोरोना महामारी का एकमात्र इलाज वैक्सीन है। रूस अपने नागरिकों को स्पुतनिक वी वैक्सीन दे रहा है तो ब्रिटेन में बहुत जल्द वैक्सीनेशन शुरू होगा। इसके साथ ही अमेरिका और फ्रांस ने कहा कि है कि वो अपने नागरिकों का मुफ्त में टीकाकरण करेगा। ऐसे में हर किसी की निगाह टिकी है कि भारत किस तरह से इस दिशा में आगे बढ़ेगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में स्पष्ट किया है कि वैक्सीन की दिशा में हम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और उम्मीद है कि अगले दो से तीन हफ्तों में वैक्सीन को बाजार में उतारने में कामयाब होंगे। ऐसे में बड़ा सवाल है कि सबसे पहले वैक्सीन किन लोगों को मिलेगा। क्या आप उस कैटिगरी में आते हैं जिनका टीकाकरण पहले किया जाएगा।
जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता
टीकाकरण अभियान में प्राथमिकता कोरोना के मरीजों के इलाज में जुटे हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और जो पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, वैसे बुजुर्ग लोगों को दी जाएगी। पीएम मोदी ने वैक्सीन की कीमत पर कहा कि केंद्र सरकार इस बारे में राज्य सरकारों के साथ बात कर रही है। जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के साथ इस कवायद में राज्य सरकारों की पूरी सहभागिता होगी।
हेल्थवर्कर्स को सबसे पहले टीका
हेल्थकेयर वर्कर्स को पहले टीकाकरण होगा। इनमें वो लोग हैं जिन्होंने महामारी की शुरुआत से लड़ाई लड़ी है। डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिक्स, हेल्थकेयर सपोर्ट स्टाफ इस ग्रुप में शामिल होंगे। चूंकि ये कोविड मरीजों के सबसे ज्यादा संपर्क में आते हैं, इसलिए संक्रमण का खतरा भी सबसे ज्यादा इन्हें ही है।
फ्रंटलाइन वर्कर्स प्राथमिकता सूची में दूसर नंबर पर
सरकार के दूसरा प्राथमिकता वर्ग फ्रंटलाइन वर्कर्स का है। ये वो लोग है जिन्होंने महामारी के दौरान अपनी जिम्मेदारी शिद्दत से निभाई। इन लोगों नागरिकों का ध्यान रखना नहीं छोड़ा। सेना, पुलिस, फायर ब्रिगेड, नगर निगम जैसे सेक्टर्स इसका हिस्सा होंगे। ये वो लोग हैं जिन्होंने देश की डिफेंस और सिविक जरूरतों का महामारी के वक्त ध्यान रखा है।
50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों का टीकाकरण
हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के बाद, ऐसे लोगों को टीका दिया जाएगा जिनकी उम्र 50 वर्ष से ज्यादा है। ऐसा पाया गया है कि कोविड-19 की वजह से 50 साल के ऊपर वाले लोग ज्यादा प्रभावित हुए हैं मरने वालों की संख्या भी 50 साल से ज्यादा उम्र वाले मरीजों में ज्यादा हैं। ऐसे में आवश्यक है कि है कि वैक्सीन उन्हें पहले मिले। पकी उम्र 50 साल से ज्यादा है तो आपको पहले चरण में ही टीका लग जाएगा।
50 वर्ष से उम्र कम लेकिन गंभीर बीमारी के शिकार लोगों का टीकाकरण
चौथा समूह उन लोगों का है कि जिनकी उम्म 50 वर्ष से कम है और वो गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं। दो या उससे ज्यादा बीमारियों वाले लोगों को 'हल्के, मॉडरेट और गंभीर' में क्लासिफाइड किया जा सकता है ताकि उसी हिसाब से टीकाकरण के लिए बुलाया जाए। पहले चरण से किडनी की हल्की बीमारी या मॉडरेट हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को बाहर रखे जाने की संभावना है।