- कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बीच ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेस-वे को बंद किया गया
- लॉकडाउन के बावजूद भी वाहनों की संख्या में नहीं आ रही थी कमी
- एक्सप्रेस वे में अब केवल आपातकालीन वाहनों और जरूरी सेवाओं के वाहनों को होगी जाने की अनुमति
नोएडा: लॉकडाउन के बावजूद भी लगातार आवागमन बढ़ने की वजह से अब यूपी सरकार ने ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे को बंद करने का फैसला किया है। दरअसल यह फैसला कोरोना वायरस के बढ़ते हुए खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा की उपायों के तहत लिया गया है। यमुना एक्सप्रेस वे यूपी में आगरा और नोएडा को जोड़ता है और काफी कम समय में दो शहरों के बीच की दूरी तय होती है।
आपातकालीन वाहनों को होगी अनुमति
इस बारे में जानकारी देते हुए डीसीपी (ग्रेटर नोएडा) राजेश कुमार सिंह ने बताया, 'यमुना एक्सप्रेसवे को बंद कर दिया गया है और मार्ग पर पुलिस बैरिकेडिंग की गई है। बैरिकेडिंग से गुजरने वालों को केवल तभी अनुमति दी जाएगी जब उनके पास उनके पास जाने का एक वैध कारण होगा। यह आपातकालीन सेवाओं के लिए भी खुला रहेगा।'
सहयोग नहीं करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लॉकडाउन में असहयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दरअसल कोरोना के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश की सभी अंतरराष्ट्रीय एवं अंतरराज्यीय सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया है और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को निर्देश दिया कि लॉक डाउन में असहयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
योगी ने दिए ये आदेश
योगी ने लॉकडाउन को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश देते हुए कहा, 'असहयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उत्तर प्रदेश की सभी अंतर्राज्जीय और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को पूरी तरह से सील किया जाए, ताकि लॉक डाउन की अवधि में अनावश्यक यातायात को रोका जा सके। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस से निपटने के लिए अस्पतालों में की गई व्यवस्थाओं पर गलत टिप्पणी कर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।