- पाकिस्तान लगातार आतंकियों को भारतीय सीमा में भेजने के लिए मदद करता है
- कश्मीर में अशांति बनाए रखने के लिए आतंकियों को भेजता है पाकिस्तान
- पीओके में आतंकी शिविर और लांचिंग पैड आतंकवादियों से भरे पड़े हैं
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में कलाल क्षेत्र में भारतीय सेना द्वारा आतंकियों की घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया गया है। नियंत्रण रेखा (LoC) पर तैनात भारतीय सेना ने आतंकवादियों के एक समूह को भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश करते देखा। इसके बाद आतंकवादियों ने सेना की ओर गोलीबारी शुरू कर दी। सेना द्वारा जवाबी कार्रवाई की गई और इस मुठभेड़ में घुसपैठ करने वाले तीन आतंकवादी मारे गए।
भारतीय सेना ने जानकारी दी है कि 28 मई से चल रहे घुसपैठ विरोधी अभियान में भारतीय सेना के सतर्क सैनिकों ने नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिशों को समाप्त कर दिया है। भारी हथियारों से लैस पाकिस्तान प्रशिक्षित 3 आतंकवादी मारे गए हैं। इलाके में तलाशी अभियान जारी है।
2 आतंकियों को किया ढेर
इससे पहले कुलगाम जिले में शनिवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए। दक्षिण कश्मीर के इस जिले के वानपुरा इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद इलाके की घेराबंदी की गई और तलाश अभियान चलाया गया। अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलाई जिसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई। मुठभेड़ में दो आतंकवादी ढेर हो गए।
पीओके में लांचिंग पैड आतंकवादियों से भरे
वहीं भारतीय सेना के शीर्ष कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के मुताबिक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकवादियों के शिविर और भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने के लिए तैयार करीब 15 लांचिंग पैड आतंकवादियों से भरे पड़े हैं। उन्होंने आशंका जताई कि जम्मू-कश्मीर में सेना की कार्रवाई की वजह से लगातार घट रहे आतंकवादियों की संख्या बढ़ाने के लिए इस गर्मी में घुसपैठ कराने की कोशिशें बढ़ सकती हैं। लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि पाकिस्तान पिछले 30 साल से घुसपैठियों की मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना आतंकवादी समूहों को घुसपैठ कराने के लिए लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रही है लेकिन साथ ही कहा कि भारत की ओर से तीखे और कड़ाई से दिए जा रहे जवाब से वह हताश है। उन्होंने कहा कि सेना द्वारा घुसपैठ रोधी तंत्र को मजबूत किया गया है और इसके साथ ही संघर्ष विराम का उल्लंघन करने की कार्रवाई पर प्रभावी जवाब से पाकिस्तान अपने एजेंडे को जारी रखने में असहाय महसूस कर रहा है।