- पेशाब और पसीने के जरिए कोरोना की पहचान
- भारतीय सेना ने अपने डॉग स्क्वॉड को किया प्रशिक्षित
नई दिल्ली। अगर कहा जाए कि कोरोना आज मानवता के लिए सबसे बड़ा दुश्मन हैं तो गलत ना होगा। कोरोना की पहचान के लिए तरह तरह की जांच व्यवस्था है। इन सबके बीच कोरोना की पहचान के लिए भारतीय फौज ने अपने डॉग स्क्वॉड को प्रशिक्षित किया गया है। COVID-19 का मुकाबला करने के लिए, भारतीय सेना के विशेष रूप से प्रशिक्षित कैनाइन पसीने और मूत्र के नमूनों में वायरस की उपस्थिति का पता लगाने में मदद करेंगे। नमूनों में वायरस का 'वास्तविक समय' का पता लगाने के लिए भारतीय सेना द्वारा लैब्राडोर और स्वदेशी नस्लों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है।
पेशाब और पसीने के जरिए कोविड 19 का परीक्षण
ट्रेनर कर्नल सुरेंदर सैनी भारतीय सेना के कुत्तों ने पसीने और मूत्र के नमूनों का उपयोग करके COVID -19 का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया। लैब्राडोर और स्वदेशी नस्ल की चीपिपराई मूत्र के नमूने और पसीने के नमूनों पर कॉकर स्पैनियल्स को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अब तक परीक्षण किए गए नमूनों के आंकड़ों के आधार पर, संवेदनशीलता 95% से अधिक है: ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया।
डॉग स्क्वॉड को किया गया प्रशिक्षित
भारतीय सेना की संबंधित इकाइयों ने परीक्षण किया है। उन्होंने कहा कि इन कुत्तों की मदद से COVID-19 वायरस का पता लगाना 'वास्तविक समय' है। सैनी ने कहा, "कुत्ते संक्रमित नहीं हो सकते हैं क्योंकि इस्तेमाल किए गए नमूने (मूत्र और पसीना) स्टराइल होते हैं और उनमें वायरस नहीं होता है। इसमें केवल वाष्पशील चयापचय बायोमार्कर होता है जो कोरोना की मौजूदगी के बारे में बताते हैं।