नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार उछाल के बीच चिंता बढ़ती जा रही है। इसके लिए लोगों की लापरवाही को जहां एक बड़ा कारण बताया जा रहा है, वहीं कोरोना वायरस के नए 'डबल म्यूटेंट' वेरिएंट को लेकर भी कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को इस वेरिएंट के बारे में जानकारी दी थी और कहा था कि देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस के कई नए प्रकार का पता चला है। इनमें 'डबल म्यूटेंट' वेरिएंट भी शामिल है भी है, जो ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में भी सामने आ चुका है।
कोविड-19 के इस वेरिएंट को लेकर कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं। यह भी कहा जा रहा है कि देश में संक्रमण के मामलों में एक बार फिर उछाल के लिए यह वेरिएंट जिम्मेदार हो सकता है। इस बारे में प्रख्यात वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील का कहना है कि हालांकि इस संबंध में अब तक कोई पुष्ट साक्ष्य नहीं मिला है, लेकिन इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए जहां वह बीते करीब चार महीनों में लोगों में बढ़ी लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हैं, वहीं इस वेरिएंट को लेकर भी उन्होंने चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि कोरोना के मामलों में उछाल के लिए 'डबल म्यूटेंट' वेरिएंट जिम्मेदार है या नहीं अथवा इसमें इसकी क्या भूमिका है, इसे समझने के लिए जीनोमिक सीक्वेंसिंग और एपिडेमियोलॉजिकल (महामारी विज्ञान) अध्ययन किए जाने की जरूरत है।
क्या है डबल म्यूटेंट वेरिएंट?
विभिन्न प्रकार के वायरस के जीनोमिक वेरिएंट में बदलाव आम है और यह कोरोना वायरस के संदर्भ में भी देखा जा रहा है। दो वेरिएंट में म्यूटेशन हो सकता है और वे आपस में मिल सकते हैं। ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका वेरिएंट में कई म्यूटेशन देखे जा चुके हैं। यूके वेरिएंट में जहां 23 म्यूटेशन देखे गए हैं, वहीं दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट में नौ म्यूटेशन और ब्राजील वेरिएंट में 16 म्यूटेशन देखे जा चुके हैं। म्यूटेशन वह प्रक्रिया कहलाती है, जिसमें वायरस जब रिप्रोड्यूस करता है तो वह परफेक्ट नहीं होता। उस म्यूटेशन का लोगों पर जो असर होता है, उसे वेरिएंट कहा जाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यहां जिन दो म्यूटेशन के बारे में बताया है, वे L452R और E484Q हैं।
भारत में कोविड-19 का जो 'डबल म्यूटेंट' वेरिएंट पाया गया है, वह दिल्ली, महाराष्ट्र और देश के कुछ अन्य हिस्सों से मिले हैं, जबकि तीन 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न्स' कम से कम 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पाए गए हैं। 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न्स' पूर्व में ब्रिटेन, दक्षिण फ्रीका और ब्राजील में भी सामने आ चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हालांकि कहा है कि फिलहाल वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि देश के विभिन्न राज्यों में संक्रमण के मामलों में हालिया उछाल के लिए यही वेरिएंट्स जिम्मेदार हैं।
लोगों की लापरवाही भी जिम्मेदार
यहां उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को भी देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 59,118 नए केस दर्ज किए गए, जो साल 2021 में 24 घंटों के भीतर संक्रमण का नया रिकॉर्ड है। लगातार 16वें दिन कोविड-19 के मामलों में उछाल देखने को मिला है। महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और गुजरात देश के वे पांच राज्य हैं, जहां संक्रमण के रोजाना मामले सर्वाधिक दर्ज किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, संक्रमण के मामलों में अचानक उछाल के लिए लोगों की लापरवाही भी कम जिम्मेदार नहीं है, जिन्होंने बीते करीब चार महीने में कोविड-19 से बचाव में अहम समझे जाने वाले मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य नियमों के पालन में कोताही बरतनी शुरू कर दी है।