नई दिल्ली : देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण की एक बार फिर बढ़ती रफ्तार को देखते हुए टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। कई राज्यों में टीकाकरण बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं तो इसके लिए व्यवस्था भी व्यापक की जा रही है। इन सबके बीच एक सवाल लोगों के जेहन में लगातार उठ रहा है कि एक बार टीका लगवाने के बाद यह वैक्सीन कितने समय तक किसी को इम्युन रख सकता है, ताकि वह फिर इसकी चपेट में न आए?
भारत की बात करें तो यहां टीकाकरण की प्रक्रिया 16 जनवरी से शुरू हुई है और इस वक्त यहां दो वैक्सीन लोगों को लगाए जा रहे हैं, जिनमें भारत बायोटेक द्वारा तैयार 'कोवैक्सीन' और सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के सहयोग से विकसित वैक्सीन 'कोविशील्ड' शामिल हैं। शरीर में इम्युनिटी विकसित हो, इसके लिए इन टीकों की दो डोज जरूरी बताई गई है। यहां अब तक 4 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है।
निश्चित समय तक ही इम्युनिटी
इन टीकों को लेने के संबंध में भी कहा गया है कि पहली डोज लेने के 28 दिनों बाद इसकी दूसरी डोज लगाई जाएगी और उसके भी 15 से 20 दिनों के बाद शरीर में एंटीबॉडीज बनने तैयार होंगे, जो कोरोना से बचाव के लिए 'सुरक्षा चक्र' के तौर पर काम करेगा। इस तरह इस पूरी प्रक्रिया में तकरीबन दो माह का समय लगता नजर आ रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह वैक्सीन कितने दिनों तक सुरक्षा देगी?
इस बारे में अब तक जो रिसर्च सामने आए हैं, उसमें स्पष्ट किया है कि एक बार टीका लगवा लेने का यह अर्थ बिल्कुल भी नहीं है कि किसी को आजीवन संक्रमण से सुरक्षा हासिल हो जाए। हालांकि अलग-अलग टीकों को इस संबंध में अलग-अलग दावे किए गए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का यह एक मत से मानना है कि कोविड-19 की वैक्सीन लगने के बाद शरीर में इम्युनिटी एक निश्चित समय के लिए ही रहती है।
कितने दिनों तक सुरक्षा?
इस संबंध में ऑरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ के डायरेक्टर चुन्हुई ची ने पूर्व में कहा था कि संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को हर साल भी वैक्सीन लगवाने की जरूरत पड़ सकती है। इस बारे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक रणदीप गुलेरिया का भी कहना है कि कोविड-19 टीका किसी को भी आठ से 10 महीने या संभवत: इससे भी अधिक समय तक संक्रमण से पूरी सुरक्षा दे सकता है।
वहीं, अमेरिका में मॉडर्ना और फाइजर द्वारा विकसित वैक्सीन को लेकर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास मेडिकल ब्रांच में एक्सपेरीमेंटल पैथोलॉजी ग्रेजुएट प्रोग्राम के डायरेक्टर जेरे मैकब्राइड ने दावा किया था कि ये वैक्सीन दो से तीन साल के लिए कोविड-19 संक्रमण को लेकर इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं। हालांकि विशेषज्ञों का यह भी कहना है इस बारे में कुछ भी सटीक आगामी शोधों और आने वाले समय में पेश आने वाली परिस्थितियों को देखते हुए ही कहा जा सकता है कि वैक्सीन से शरीर में बनने वाले एंटीबॉडीज कब तक वायरस से सुरक्षा प्रदान करते हैं।