- कोलकाता में सीआईटी रोड इलाके में एक मकान से बड़ी संख्या में क्रूड बम बरामद
- माना जा रहा है कि ये बम चुनाव में हिंसा फैलाने के मकसद से लाए गए थे
- शुक्रवार शाम को तृणमूल कांग्रेस के दफ्तर में एक जोर का धमाका हुआ था
पश्चिम बंगाल में पहले चरण में 5 जिलों पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुड़ा और झारग्राम की 30 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं वहीं वोटिंग से एक दिन पहले कोलकाता से एक खबर सामने आई जिससे सनसनी फैल गई, बताया जा रहा है कि कोलकाता में सीआईटी रोड इलाके में एक मकान से बड़ी संख्या में क्रूड बम बरामद किए हैं।
मतदान से पहले कोलकाता में इस खबर के बाद से दहशत का माहौल है, साथ ही पुलिस की चौकसी भी बड़ा दी गई है, माना जा रहा है कि ये बम चुनाव में हिंसा फैलाने के मकसद से लाए गए थे जिन्हें पुलिस ने बरामद किया है।
गौर हो कि पश्चिम बंगाल में वोटिंग से से ठीक एक दिन पहले यानि शुक्रवार शाम को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के दफ्तर में एक जोर का धमाका हुआ जिससे पूरे इलाके में सनसनी मच गई थी। यह धमाका बांकुरा के जॉयपुर इलाके में टीएमसी दफ्तर के अंदर हुआ इस धमाके के बाद आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था।
बीजेपी ने इस धमाके के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया
तृणमूल कांग्रेस ने इस धमाके के लिए कांग्रेस और लेफ्ट के साथ- साथ बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। खबर के मुताबिक इस धमाके में चार लोग घायल भी हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं बीजेपी ने इस धमाके के लिए खुद तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि यह धमाका टीएमसी दफ्तर में बम बनाने के दौरान हुआ है। हालांकि बम धमाका ज्यादा शक्तिशाली नहीं था औक केंद्रीय बलों ने मौके पर पहुंचकर हालात को काबू में कर लिया।
वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बम धमाके को लेकर ट्वीट किया था- उन्होंने लिखा, 'हिंसा होने पर दुखी हूं। बंगाल पुलिस और स्थानीनय प्रशासन को कानून के मुताबिक सभी कदम उठाने चाहिए। प्रशासन और पुलिस सभी को राजनीतिक तटस्थता बनाए रखनी चाहिए और कानून के शासन के लिए प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए। कानून का उल्लंघन करने की विधिवत सजा मिलेगी।'
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 30 विधानसभा सीटों पर शनिवार को वोट डाले जा रहे हैं। इस चरण में 73 लाख से अधिक मतदाता 191 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। इस चरण की अधिकतर सीटें एक समय नक्सलवाद से प्रभावित रहे जंगलमहल क्षेत्र में पड़ती हैं। चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों की करीब 684 कंपनियों को तैनात किया है जो 7,061 मतदानस्थलों पर 10,288 मतदान बूथों पर पहरा देंगी।