नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश में चक्रवात गुलाब का रविवार शाम को असर दिखने लगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि चक्रवात गुलाब के तट से टकराने की प्रक्रिया रविवार शाम से शुरू हो गई और यह करीब तीन घंटे तक जारी रह सकती है। इस प्रक्रिया ने आंध्र प्रदेश के कलिंगपट्टनम और ओडिशा के गोपालपुर के बीच के भूभाग को प्रभावित किया है। हालांकि 8:30 बजे करीब चक्रवाती तूफान गुलाब उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तटों को पार कर गया।
कलिंगपट्टनम में तेज हवाएं चलीं। ओडिशा के एसआरसी पीके जेना ने कहा किचक्रवात के कारण ओडिशा के गंजम जिले से 16,000 ग्रामीणों को निकाला गया है।
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में भारी बारिश हुई और तेज हवाएं चलीं। कलेक्टर सुमित कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन ने लगभग 61 राहत केंद्र खोले हैं और 1100 लोगों को इन केंद्रों में स्थानांतरित किया है। एनडीआरएफ की दो टीमें और एसडीआरएफ की 4 टीमें यहां पहुंच चुकी हैं। भारी बारिश से बाढ़ आ सकती है, जो एक और चुनौती है। जिले के 19 मंडल बाढ़ संभावित हैं।
आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय जिले श्रीकाकुलम से बंगाल की खाड़ी में गए छह मुछआरों के रविवार शाम को लापता होने की जानकारी मिली। गुलाब तूफान की वजह से आंध्र प्रदेश के तीन तटीय जिलों विशाखापत्तनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम में मध्यम दर्जे की बारिश हो रही है। पलासा के छह मछुआरे ओडिशा से दो दिन पहले नई नाव खरीद कर अपने पैतृक गांव लौट रहे थे। तीन सुरक्षित तट पर पहुंच गए और दो अन्य की मौत हो गई है। नाव पर सवार एक मछुआरा अभी भी लापता है।
चक्रवात गुलाब के मद्देनजर ओडिशा के गजपति जिले के गुम्मा और गोसानी ब्लॉक में एनडीआरएफ की दो टीमों को तैनात किया गया है। गोसानी में एनडीआरएफ टीम कमांडर विश्वनाथ चौधरी ने कहा कि हमारे पास चक्रवात और बाढ़ जैसी स्थितियों में आवश्यक सभी उपकरण हैं और हम तदनुसार स्थिति से निपटेंगे।