भुवनेश्वर : ओडिशा में मौसम विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण अंडमान सागर एवं इसके समीप बंगाल की खाड़ी के दक्षिणपूर्व में निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है और रविवार तक बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य भाग में इस निम्न दबाव क्षेत्र के चक्रवाती तूफान में तब्दील होने का अनुमान है। भुवनेश्वर में मौसमविभाग के निदेशक एचआर विश्वास ने कहा कि यह चक्रवाती तूफान आगे बढ़ते हुए 10 मई तक आंध्र-ओडिशा के तट से टकरा सकता है।
10 मई को इसके असली स्वरूप का पता चलेगा
उन्होंने कहा, '10 मई को यह चक्रवात समुद्र तट से 200 किलोमीटर दूर रहेगा। हालांकि, इसका आगे का रूप किस तरीके का होगा, इसके बारे में 10 मई को ही पता चल सकेगा। ओडिशा में इसकी तीव्रता एवं प्रभाव का आंकलन किया जाना अभी बाकी है।' विस्वास ने कहा कि फिलहाल अंडमान सागर में मौसम की दशाओं को देखते हुए मछुआरों के लिए एक चेतावनी जारी की गई है। आठ मई तक बंगाल की खाड़ी, अंडमान के द्वीपों में 75 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
किसी भी स्थिति का सामना करने को तैयार
विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, 'हमने एनडीआरएफ की 17, ओडीआरएएफ की 20 और दमकल की 175 गाड़ियों को अलर्ट पर रखा है। चक्रवात यदि ओडिशा की तरफ बढ़ता है तो सरकार इसका सामना करने के लिए तैयार है।' हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह चक्रवात ओडिशा तट से टकराएगा ही।
8 जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखा
जेना ने कहा कि पिछले कुछ सालों में ओडिशा में ने तीन चक्रवाती तूफानों का सामना किया है, ऐसे में चक्रवात को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, 'चक्रवात का असर कम से कम इसे सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने 18 जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है।' अधिकारियों को चक्रवात को देखते हुए कदम उठाने के लिए कहा गया है। आपात कार्यालयों एवं कंट्रोल रूम को पर्याप्त कर्मचारियों के साथ 24 घंटे काम पर रहने का निर्देश जारी किया गया है।