महाराष्ट्र में अब उद्धव सरकार कार्यवाहक सरकार की भूमिका में है। उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद संजय राउत ने कहा कि बागियों ने पीठ में छूरा घोंपा। इसके साथ ही उन्होंने एकनाथ शिंदे कैंप पर तरह तरह के आरोप लगाए। राउत के आरोपों का जवाब देते हुए बागी खेमे के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि हमने जो फैसला किया वो बाला साहेब ठाकरे के सिद्धांतों को बचाने के लिए था। उनके आदर्श से कहीं न कहीं शिवसेना भटक गई थी। पिछले ढाई साल में पार्टी को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जनता के सवालों का जवाब देना भारी पड़ रहा था।
दीपक केसरकर के खास बयान
- हम उनके(उद्धव ठाकरे) इस्तीफे का जश्न नहीं मना रहे हैं।
- हम किसी भी तरह से उद्धव ठाकरे का अपमान नहीं करना चाहते हैं
- हमें खेद है कि हमें कांग्रेस और एनसीपी के साथ मतभेदों के कारण अप्रत्यक्ष रूप से अपनी ही पार्टी से लड़ना पड़ रहा है, विभागों के बंटवारे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
- कोई भी विधायक सत्ता का भूखा नहीं है। वे विचारधारा के लिए हमारे साथ हैं
- संजय राउत पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप किसने पीठ में छुरा घोंपा? शिवसेना ने भाजपा के साथ चुनाव लड़ा और फिर बाद में कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन किया। वह पीठ में छुरा घोंप रहा है
- हमारे खिलाफ शिवसेना कार्यकर्ताओं को लामबंद करने का प्रयास किया गया
उद्धव जी की सादगी पड़ गई भारी, कांग्रेस का बयान- करना चाहिए था फ्लोर टेस्ट का सामना