नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण जबसे जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) पहुंची हैं और नकाबपोश हमलावरों के हमले में घायल छात्र-छात्राओं से मुलाकात की है, तब से वो लगातार निशाने पर आ गई हैं। 10 जनवरी को रिलीज होने वाली उनकी फिल्म 'छपाक' का विरोध किया जा रहा है। हालांकि दूसरी तरफ उन्हें खूब समर्थन भी मिल रहा है। इसी पर जब केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि न केवल कलाकार, बल्कि एक आम आदमी भी अपनी राय व्यक्त करने के लिए कहीं भी जा सकता है और इस पर कोई आपत्ति नहीं हो सकती है।
जावड़ेकर ने कहा, 'यह एक लोकतांत्रिक देश है, कोई भी, कोई भी कलाकार कहीं भी जाकर अपने विचार रख सकता है।' भाजपा के कुछ पदाधिकारियों द्वारा उनकी आगामी फिल्म का बहिष्कार करने के आह्वान के बारे में पूछे जाने पर जावड़ेकर ने कहा कि उन्होंने टिप्पणी नहीं पढ़ी है।
वहीं दक्षिणी दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने छपाक का बहिष्कार करने के लिए कहा है। बिधूड़ी ने कहा कि देश के खिलाफ खड़े होने वाले लोगों के साथ दिखने की बजाय बॉलीवुड सितारों से फिल्मों के जरिए देश में युवाओं को सकारात्मक संदेश देने की अपेक्षा होती है।
दीपिका जब जेएनयू पहुंचीं तो वहां उन्होंने JUNSU अध्यक्ष आइसी घोष से मुलाकात की, जिन्हें हमले के दौरान काफी चोटें आईं। दीपिका के सामने JNUSU के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने नारे लगाए।
जेएनयू जाने पर दीपिका को निशाना बनाए जाने पर जेएनयू छात्र संघ (JUNSU) ने उनके साथ एकजुटता में एक बयान जारी कर कहा, 'हम दीपिका पादुकोण के खिलाफ नफरत फैलाने की निंदा करते हैं। यह दुखद है कि हम एक समाज के रूप में कहां खड़े हैं। दीपिका आईं और जेएनयू के घायल और घबराए हुए छात्रों के साथ आकर खड़ी हो गईं। यह मानवीय सरोकार का कार्य था। हम उन्हें धन्यवाद देते हैं।'
कन्हैया कुमार ने भी दीपिका के समर्थन में ट्वीट किया और कहा, 'आज आपको गाली दी जा सकती है या ट्रोल किया जा सकता है, लेकिन इतिहास आपको भारत के विचार के लिए आपके साहस और खड़े होने के लिए याद रखेगा।'