नई दिल्ली। चुशूल में शुक्रवार को भारत और चीन के बीच कोर कमांडरों की 8वीं उच्च स्तरीय वार्ता होने वाली है। उससे ठीक पहले एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि किसी भी देश को भारत की सीमा के साथ खिलवाड़ की इजाजत नहीं दी जा सकती है। सीमा पर अतिक्रमण का तो सवाल ही नहीं पैदा होता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई इस तरह की हसरत रखता हो तो वो भूल जाए। इसके साथ यह भी कहा कि भारतीय सीमा की हिफाजत के लिए जो भी कीमत अदा करनी होगी उसके लिए हम सब हमेशा तैयार हैं।
65- 71 की लड़ाई का नतीजा सबके सामने
रक्षा मंत्री ने कहा कि 1965 और 71 में भारत और पाकिस्तान के बीच दो युद्ध हुए जिसमें पाकिस्तान की हार हुई। इन दोनों लड़ाइयों में पराजय अपने आपमें इस बात का सबूत उन लोगों के लिए है जो पाकिस्तान को समझाए कि वो अकेले भारत से मुकाबला करने में सक्षम नहीं है। इसके साथ ही मालाबार अभ्यास के बारे में कहा कि इंडो पैसिफिक रीजन में इस तरह की एक्सरसाइज से पूरे इलाके में सुरक्षा का भाव पैदा होता है।
तनाव पैदा करने में यकीन नहीं करता भारत
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की नजर कभी भी किसी की जमीन पर नहीं रही है। हम सहअस्तित्व में विश्वास करने वाले लोग हैं। लेकिन अगर इतिहास देखा जाए तो भारत के ऊपर युद्ध थोपा गया और उस तरह की परिस्थिति में भारत ने पुरजोर मुकाबला किया और साबित कर दिया कि हम अकेले किसी भी लड़ाई के रुख को बदल सकते हैं। जहां तक पड़ोसी देशों के साथ संंबंध का सवाल है तो हमारी कोशिश है कि सबसे मिलजुलकर विकास के पथ पर कारवां को आगे बढ़ाया जाए। लेकिन अगर कोई हिमाकत करेगा तो उसे उचित जवाब जरूर मिलेगा।