नई दिल्ली : वायु प्रदूषण से जूझ रही दिल्ली को कई सप्ताह के बाद 'जहरीली हवा' से कुछ हद तक राहत मिली है। हालांकि यहां वायु गुणवत्ता अब भी 'खराब' श्रेणी में बनी हुई है। बुधवार को यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 280 दर्ज किया गया। हालांकि दिल्ली से सटे NCR के कई शहरों में अब भी AQI 'खराब' से 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है। 27 नवंबर के बाद यहां हवा की गुणवत्ता में और सुधार के आसार बन रहे हैं।
केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली 'सफर' के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को सुबह करीब 6:30 बजे AQI 280 दर्ज किया गया, जो 'खराब' श्रेणी में आता है। PUSA (283), लोधी रोड (259), आईआईटी-दिल्ली (280), इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा- टर्मिनल 3 (232) और आयानगर (228) सहित कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में दर्ज की गई।
वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय (311), मथुरा रोड (308) सहित राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में AQI 'बहुत खराब' श्रेणी में रहा। NCR के कई शहरों में भी हवा की गुणवत्ता 'खराब' से 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में बुधवार सुबह AQI 383 दर्ज किया गया तो राष्ट्रीय राजधानी से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में यह 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया।
SAFAR का पूर्वानुमान
SAFAR के मुताबिक, प्रदूषण की स्थिति से कुछ हद तक निजात हवा की रफ्तार में बढ़ोतरी के कारण मिली है, लेकिन गुरुवार (25 नवंबर) से इसके धीमे पड़ने और इसकी दिशा बदलने के भी अनुमान हैं, जिसकी वजह से हवा में प्रदूषक तत्वों का बिखराव पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पाएगा। यह स्थिति अगले तीन दिनों तक बनी रहने के आसार हैं, जिसकी वजह से हवा की गुणवत्ता अगले तीन दिनों में और खराब हो सकती है। हालांकि 27 नवंबर से हवा की रफ्तार और बढ़ने के अनुमान हैं, जिससे प्रदूषक तत्वों का हवा में बिखराव होगा और AQI का स्तर सुधर सकेगा।
यहां गौर हो कि 51 और 100 के बीच के AQI को 'संतोषजनक' या 'बहुत अच्छा' माना जाता है, जबकि 101-200 को 'औसत' और 201-300 के बीच के AQI को 'खराब' श्रेणी में रखा जाता है। वहीं, 300-400 AQI को 'बहुत खराब' और 401-500 के बीच के AQI को 'खतरनाक' श्रेणी में रखा जाता है।