नई दिल्ली : दिल्ली में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में लोगों को बड़ी राहत देते हुए कहा कि 200 यूनिट तक बिजली खपत की स्थिति में उपभोक्ताओं को बिल के रूप में कुछ भी भुगतान नहीं करना होगा। सीएम केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली की खपत करने वालों को सरकार पूरी सब्सिडी देगी, जिसका सीधा अर्थ है कि अगर लोग एक महीने में इतनी बिजली का इस्तेमाल करते हैं तो बिल नहीं भरना होगा। दिल्ली सरकार ने यह फैसला आज (गुरुवार, 1 अगस्त) से ही लागू कर दिया।
केजरीवाल सरकार के इस फैसले से राष्ट्रीय राजधानी में करीब 32-33 लाख घरों को फायदा मिलने की उम्मीद है। दिल्ली के सीएम ने इस दौरान कई अन्य राज्यों में बिजली की दरों का भी हवाला दिया और कहा कि राष्ट्रीय राजधानी से सटे हरियाणा और यूपी में जहां बिजली के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, वहीं दिल्ली में बिजली लगातार पांचवें साल भी सस्ती हुई है।
केजरीवाल ने इस संबंध में बुधवार को एक ट्वीट भी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली में लगातार पांचवें साल भी बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है, बल्कि इसमें कटौती की गई है और अब दिल्ली में बिजली की दरें देश में सबसे कम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश में एकमात्र दिल्ली ही है, जहां 24×7 यानी सप्ताह में सातों दिन और 24 घंटों बिजली की आपूर्ति होती है।
दिल्ली के सीएम ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका औपचारिक ऐलान किया, जिसमें उन्होंने यह भी बताया कि जहां 200 यूनिट बिजली के इस्तेमाल पर कोई शुल्क नहीं देना होगा, वहीं 201 से 401 यूनिट तक बिजली की खपत पर भी सरकार 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देना जारी रखेगी।
इससे पहले बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में बिजली पर 'फिक्स चार्ज' कम करने का ऐलान किया गया था। दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग ने दो किलोवाट तक के मीटर का किराया 125 रुपये से घटाकर 20 रुपये करने, दो किलोवाट से पांच किलोवाट तक के मीटर का किराया 140 रुपये से घटाकर 50 रुपये करने और पांच किलोवाट से 15 किलोवाट तक के मीटर का किराया 175 रुपये से घटाकर 100 रुपये करने का ऐलान किया था। पिछली बार जब बिजली दरों में संशोधन किया गया था, तब मीटर के तय किरायों में वृद्धि की गई थी, जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां दिल्ली में केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ हमलावर थी।