नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) ने मोदी सरकार पर विदेशों में वैक्सीन भेजने के लिए बड़ा हमला किया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश में लोग मर रहे थे, राज्य वैक्सीन मांग रहे थे, और केंद्र अपने इमेज मैनेजमेंट में वैक्सीन एक्सपोर्ट कर रहा था। अंतरारष्ट्रीय संबंध एक तरफ, किसी देश ने अपने नागरिकों की वैक्सीन में कटौती करके निर्यात नहीं की, ये अपराध केवल केंद्र सरकार ने किया। जब देश की जनता अपनों को खो रही थी, लोग अस्पतालों में तड़प रहे थे। तब केंद्र की सरकार अपने ही देश में बनी वैक्सीन को विदेशों में भेजने में लगी थी।
'केवल हम ही दूसरों को टीके दे रहे थे जब हमारे अपने लोग मर रहे थे'
सिसोदिया ने कहा, 'भारत सरकार ने पिछले 3 महीनों में 93 देशों को कोविड टीके निर्यात किए। जबकि इनमें से 88 देशों में कोरोना से मृत्यु बड़ी चुनौती नहीं थी। सरकार ने उन्हें 6.5 करोड़ खुराक दीं। भारत में दूसरी लहर के दौरान कोविड से लगभग 1 लाख लोग मारे गए हैं। अगर निर्यात नहीं किया जाता तो ये टीके इन लोगों की जान बचा सकते थे। देश के लोगों को मरता छोड़ केंद्र सरकार अपनी इमेज चमकाने में लगी थी। केंद्र सरकार के कुछ लोग कहेंगे कि हम अंतरराष्ट्रीय संधियों से बंधे हुए हैं। अमेरिका, फ्रांस और यूरोपीय संघ के देश भी इन संधियों का पालन करते हैं लेकिन उनमें से किसी ने भी अन्य देशों को प्राथमिकता नहीं दी। केवल हम ही दूसरों को टीके दे रहे थे जब हमारे अपने लोग मर रहे थे।'
उन्होंने कहा कि क्या यह केवल केंद्र सरकार की छवि को सुधारने और कुछ अन्य देशों से प्रशंसा अर्जित करने के लिए (अन्य देशों में टीकों का निर्यात) किया गया था? मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि वे टीके निर्यात करने से पहले देश में सभी का टीकाकरण करे।
केंद्र ने अपनी इमेज को प्राथमिकता दी: सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा, 'दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने हर चरण में वैक्सीनेशन पर जोर दिया। लेकिन 18+ युवाओं के लिए अब तक दिल्ली को केवल 5.5 लाख वैक्सीन मिली हैं, जबकि केंद्र ने 6.5 करोड़ वैक्सीन निर्यात कर दीं। अपने देश के युवाओं के जीवन की परवाह नहीं है केंद्र को? केंद्र अंतरारष्ट्रीय बिरादरी से सीखे। पहले अपनों का जीवन बचाए। आज लोग 24-24 घटें ऑनलाइन रहकर अपनी जिंदगी बचाने के लिए वैक्सीन के लिए आवेदन ले रहे हैं, ये केंद्र के इमेज मैनेजमेंट को प्राथमिकता देने का नतीजा है।