नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली प्लांट्स में कोयले की संभावित कमी पर चिंता व्यक्त की है और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पर्याप्त कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। उधर सीसीएल के एमडी और चेयरमैन पीएम प्रसाद ने कहा कि वर्तमान में हमारे पास 6.6 मिलियन टन कोयले का भंडार है, 2 लाख टन प्रतिदिन वितरित किया जाता है, इसलिए हमारा स्टॉक 30 दिनों तक चलेगा।
दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस बारे में गुरुवार को दिल्ली सचिवालय में एक आपात बैठक की और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया ताकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली प्लांट्स के लिए पर्याप्त कोयला उपलब्ध कराया जा सके। जैन ने कहा कि वर्तमान में, बिजली की आपूर्ति करने वाले विभिन्न थर्मल स्टेशनों में कोयले की कमी है। नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के दादरी-द्वितीय और झज्जर (अरावली), दोनों बिजली प्लांट मुख्य रूप से दिल्ली में बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्थापित किए गए थे। हालांकि इन बिजली प्लांट्स में भी कोयले का बहुत कम स्टॉक बचा है।
दिल्ली सरकार के अनुसार एनटीपीसी के दादरी-II बिजली संयंत्र में केवल एक दिन का स्टॉक बचा है और झज्जर (अरावली) में केवल 7-8 दिनों का स्टॉक बचा है। अधिकारियों ने आज की आपात बैठक में कहा कि दादरी-II, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर बिजली प्लांट दिल्ली में प्रतिदिन 1751 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करते हैं। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली को दादरी-II पावर स्टेशन से अधिकतम 728 मेगावाट, जबकि ऊंचाहार पावर स्टेशन से 100 मेगावाट की आपूर्ति होती है, अधिकारियों ने कहा कि ऐसी स्थिति में इन दोनों बिजली स्टेशनों से बिजली आपूर्ति बाधित होने से समस्या हो सकती है। दिल्ली मेट्रो और अस्पतालों समेत कई जरूरी संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में बाधा आ सकती है।
दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक ऊंचाहार पावर प्लांट में दो दिन का स्टॉक बचा है, कहलगांव में 3.5 दिन का स्टॉक बचा है और फरक्का के पास पांच दिन का स्टॉक बचा है। नेशनल पावर पोर्टल की दैनिक कोयला रिपोर्ट के अनुसार, एनटीपीसी के इन पावर स्टेशनों पर कोयले की भारी कमी है।