नई दिल्ली : मोहम्मद आमिर और हाशिम गाजियाबाद से गोकलपुरी में अपने परिवार से मिलने के लिए निकले थे लेकिन न तो उन्हें और न ही परिवार वालों को पता था कि घर तक का उनका सफर कभी पूरा ही नहीं होगा। अपने बड़े भाई शेरुद्दीन की सलाह न मानते हुए 25 वर्षीय आमिर और 16 वर्षीय हाशिम बुधवार शाम को गाजियाबाद से अपने परिवार से मिलने के लिए हिंसाग्रस्त गोकलपुरी के लिए निकले।
लेकिन अगले दिन परिवार को जीटीबी अस्पताल में दोनों की लाशें मिली। परिवार के एक परिचित अकरम ने बताया, ‘रात करीब पौने नौ बजे शेरुद्दीन को आमिर का फोन आया कि वह गाजियाबाद से उनसे मिलने गोकलपुरी आ रहा है। शेरुद्दीन ने उसे दंगाग्रस्त इलाके में न आने की सलाह दी।’
नहीं मानी बड़े भाई की बात
आमिर गाजियाबाद में ड्राइवर के तौर पर काम करता था और हाशिम उसका सहायक था। उसने अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी।
अकरम ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘आगाह किए जाने के बावजूद आमिर घर आने पर जोर देता रहा, उसने कहा कि वह इलाके को बहुत अच्छी तरह जानता है और सुरक्षित घर पहुंच जाएगा।’
यह आखिरी बार था जब परिवार ने दोनों भाइयों की आवाज सुनी। रात दस बजे जब दोनों भाई घर नहीं पहुंचे तो परिवार के सदस्यों ने आमिर को फोन किया लेकिन फोन नंबर नहीं मिल रहा था।
अगली सुबह अस्पताल मिला शव
अकरम ने कहा, ‘उन्हें लगा कि वे दोनों नहीं आए होंगे क्योंकि उन्हें यहां आने को लेकर आगाह किया गया था। लेकिन सुबह तक उनके फोन नंबर नहीं मिले और फिर परिवार ने दयालपुर पुलिस थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई जहां उन्हें दोनों की तस्वीरें देने के लिए कहा गया।’
किया जा रहा पोस्टमार्टम
तस्वीरें लेकर जब वे लोग फिर से पुलिस थाने पहुंचे तो एक महिला अधिकारी ने कहा कि उन्होंने दोनों के शव जीटीबी अस्पताल में देखे हैं। परिवार अस्पताल पहुंचा और उनके शवों की पहचान की। शवों को गंगा विहार और गोकलपुरी के बीच एक नाले से निकाला गया था। उन्होंने बताया कि परिवार को अभी तक शव नहीं मिले हैं क्योंकि पोस्टमार्टम कल किया जाएगा।