- दिल्ली MCD को लेकर लोकसभा में पेश होगा बिल
- विलय किये गए नगर निगम में 250 से अधिक सीटें नहीं होंगी
- दिल्ली के तीनों नगर निगमों के विलय के विधेयक को मंजूरी दे चुकी है केंद्रीय कैबिनेट
नई दिल्ली: दिल्ली में MCD चुनाव कराने को लेकर जारी घमासान के बीच गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में दिल्ली नगर निगम संशोधन बिल पेश करेंगे। केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीनों नगर निगम को एक करने का फैसला किया है, केंद्रीय कैबिनेट ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है। 2012 में नगर निगम चुनाव से पहले दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में बांट दिया गया था। इसे तीन निगमों दक्षिण नगर निगम, उत्तर नगर निगम और पूर्वी नगर निगम में बांटा गया था।
घटेगी वार्ड की संख्या
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद तीनों नगर निगमों को एक करने पर वॉर्डों की संख्या 272 से घटकर करीब 250 हो जाएगी। हालांकि, इस व्यवस्था में तकनीकी पेंच फंस सकता है क्योंकि अभी की व्यवस्था के मुताबिक आरक्षण व्यवस्था का बड़ा पेंच है। आपको ये भी बता दें कि दिल्ली नगर निगम को तीन निगमों में बांटने का का प्रयोग अब तक असफल रहा है। निगमों के अलग करने से कामकाज में कोई खास सुधार नहीं हो पाया।
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कैबिनेट ने दी थी ये मंजूरी
लोकसभा सदस्यों को बांटे गए दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक में यह भी कहा गया है कि 2011 में तत्कालीन दिल्ली नगर निगम का विभाजन क्षेत्रीय डिवीजनों और राजस्व सृजन क्षमता के मामले में "असमान" था। विधेयक में प्रस्ताव है कि विलय की गई निकाय में पार्षदों और अनुसूचित जाति के सदस्यों के लिए आरक्षित सीटों की कुल संख्या का निर्धारण केंद्र सरकार आधिकारिक राजपत्र में एक अधिसूचना के माध्यम से करेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को दिल्ली के तीनों नगर निगमों के विलय के विधेयक को मंजूरी दे दी थी।
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