नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस के दिन किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा एवं उत्पात के खिलाफ लोगों की नाराजगी देखने को मिल रही है। गुरुवार को सिंघु बॉर्डर पर इस हिंसा एवं उत्पात के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया। खुद को स्थानीय होने का दावा करने वाले लोग 'तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान...भारत की माता की जय और जय श्री राम और सिंघु बॉर्डर खाली करो, खाली करो' जैसे नारे लगाते हुए नजर आए। ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए राजधानी में हुए उपद्रव में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इस हिंसा के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने मामले में अब तक 25 प्राथमिकी दर्ज की है और 19 लोगों को गिरफ्तार किया है।
स्थानीय लोगों में गुस्सा
लोगों में लाल किले पर हुए उपद्रव को लेकर खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। ये प्रदर्शनकारी ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर जारी इस प्रदर्शन से उसके कारोबार को काफी नुकसान पहुंचा है। इसलिए वह इस प्रदर्शन में शामिल हुआ है। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि किसानों की ट्रैक्टर रैली में तिरंगे को अपमानित करने के खिलाफ यह प्रदर्शन हो रहा है।
किसानों ने 26 जनवरी को निकाली थी ट्रैक्टर रैली
किसान संगठनों ने 26 जनवरी के दिन दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के लिए दिल्ली पुलिस से इजाजत मांगी थी। ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए पुलिस ने संगठनों को सशर्त अनुमति प्रदान की थी लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली में शामिल प्रदर्शनकारी उपद्रव करने पर उतारू हो गए। रैली के लिए पहले से तय मार्ग को छोड़ते हुए प्रदर्शनकारी लाल किला, आईटीओ सहित राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में फैल गए। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई।
लाल किले पर मचाया उत्पात
लाल किले पर प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। यहां वे लाल किले की प्राचीर पर चढ़ गए और वहां एक धार्मिक झंडा फहराया। उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों पर उन्होंने हमला किया। लाल किले की संपत्तियों एवं परिसर को नुकसान पहुंचाया गया। प्रदर्शनकारियों के इस हिंसक उत्पात को देखकर देश हतप्रभ हो गया। दिल्ली पुलिस अब इस मामले में कार्रवाई कर रही है। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल रिकॉर्डिंग के आधार पर उत्पातियों की शिनाख्त की जा रही है।
किसान नेताओं को नोटिस जारी
दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के दौरान नियमों का उल्लंघन करने के लिए राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव सहित करीब 20 नेताओं को नोटिस जारी किया है। यही नहीं इन नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ है। सूत्रों का कहना है इन नेताओं का पासपोर्ट भी जब्त किया जा सकता है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि उनके आंदोलन को विफल करने के लिए सरकार की यह साजिश है। टिकैत ने दावा किया कि पंजाब को देश के अन्य भागों से अलग करने की कोशिश हो रही है।