- दिल्ली में सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर एवं अस्पताल के विभिन्न वार्ड्स के नाम गलवान हिंसा के शहीदों पर होंगे
- इसे देश का सबसे बड़ा कोविड केयर केंद्र बताया जा रहा है, जहां 10,000 से अधिक बिस्तरों की क्षमता है
- यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब पीएम मोदी ने लेह का दौरा कर जवानों का हौसला बढ़ाया और चीन को कड़ा संदेश दिया
नई दिल्ली : दिल्ली में बने देश के सबसे बड़े कोविड केयर केंद्र के अलग-अलग वार्ड्स के नाम गलवान हिंसा के शहीदों पर रखे जाएंगे। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने शुक्रवार को इस संबंध में बड़ी घोषणा की और कहा कि यह फैसला पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए जवानों को सम्मान देने के तहत लिया गया है।
10 हजार से अधिक बिस्तरों की क्षमता
यह कोविड केंद्र दक्षिण दिल्ली के छतरपुर इलाके में राधा स्वामी ब्यास परिसर में बनाया गया है, जिसे सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर एवं अस्पताल नाम दिया गया है। यहां 10,000 से अधिक बिस्तरों की क्षमता है और इसे देश का सबसे बड़ा कोविड केयर केंद्र बताया जा रहा है। करीब 300 एकड़ भूमि पर बने इस कोविड केंद्र की जगह 20 फुटबॉल फील्ड के बराबर बताई जा रही है। डीआरडीओ ने अब यहां अलग-अलग वार्ड के नाम गलवान के शहीदों पर रखने की घोषणा की है।
डीआरडीओ का ऐलान
डीआरडीओ चेयरमैन के टेक्नोलॉजी एडवाइजर संजीव जोशी के मुताबिक, 'गलवान घाटी में 15 जून को हुई झड़प में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के सम्मान में डीआरडीओ ने दिल्ली के सरदार पटेल कोविड-19 अस्पताल के विभिन्न वार्ड्स के नाम उन पर रखने का फैसला किया है।'
पीएम मोदी ने किया लेह दौरा
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जबकि शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह का दौरा कर जवानों का हौसला बढ़ाया और चीन को भी कड़ा संदेश देते हुए कहा कि विस्तारवादी ताकतें अब दुनियाभर से खत्म हो गई हैं। पीएम मोदी ने अचानक लेह का दौरा कर हर किसी को चौंका दिया। इस दौरान उन्होंने 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में घायल हुए जवानों से भी मुलाकात की और दो टूक कहा कि भारत न तो कभी किसी विदेशी ताकत के आगे झुका है और न ही आगे कभी ऐसा होगा।
यहां उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ तनाव की स्थिति अप्रैल के आखिर से ही बनी हुई है और 15 जून को गलवान में चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।