- कोरोना संक्रमण के मामले में दिल्ली ने आर्थिक राजधानी मुबई को पीछे छोड़ा
- फरवरी महीने के बाद दोनों जगहों पर बढ़ने शुरू हुए थे संक्रमण के मामले
- कोरोना की चौथी लहर का सामना कर रही दिल्ली अब हॉटस्पॉट बन गई है
नई दिल्ली : देश की राजनीतिक राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई दोनों कोरोना की मार से बेहाल हैं। दोनों जगहों पर कोरोना के केस बेकाबू हो गए हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए दोनों जगहों की सरकारों ने प्रतिबंधात्मक कदम उठाए हैं। दिल्ली में नाइट कर्फ्यू और वीकेंड पर कर्फ्यू लागू है जबकि महाराष्ट्र में नाइट कर्फ्यू सहित धारा-144 लागू की गई है। राज्य में जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी गतिविधियों पर रोक लगाई गई है।
फरवरी के बाद दोनों जगहों पर बढ़ने शुरू हुए केस
एक बात गौर करने वाली है कि दोनों राज्यों में कोरोना के हालात फरवरी के बाद तेजी से खराब हुए हैं। गत अक्टूबर से फरवरी तक दिल्ली और मुंबई दोनों जगहों पर कोरोना संक्रमण की संख्या में कमी देखी गई। लेकिन बीते कुछ दिनों में संक्रमण के नए मामलों में दिल्ली ने मुंबई को पीछे छोड़ दिया है। वह कोविड-19 का एक बड़ा हॉटस्पॉट बनकर उभरी है।
दिल्ली में तेजी से बढ़े मामले
गत एक फरवरी को मुंबई में कोरोना के 303 नए केस मिले थे जबकि दिल्ली में 121 केस मिले। फरवरी के मध्य तक मुंबई में कोरोना के मामलों में एक तरह की स्थिरता देखने को मिली। इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर ने हालात को बिगाड़ना शुरू किया। मार्च के तीसरे सप्ताह में दिल्ली और मुंबई में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ना शुरू हुए। इस दौरान में मुंबई में कोरोना के केस बढ़ते-बढ़ते 2000 को पार कर गए। एक फरवरी के केस की तुलना में यह 626 प्रतिशत का उछाल था। 17 मार्च को दिल्ली में महामारी से संक्रमण के 536 केस मिले। इस दौरान दिल्ली में कोरोना केस में 543 प्रतिशत की वृद्धि पाई गई।
अप्रैल माह में दोनों जगह बढ़े केस
गत 28 मार्च को मुंबई में कोरोना के नए केस 6000 को पार कर गए। इस दौरान दिल्ली में मामले 2000 के करीब रहे। होली (29 मार्च) के बाद अगले दो दिनों तक दोनों शहरों में संक्रमण के मामलों में कमी आती दिखी लेकिन अप्रैल शुरू होने के बाद दोनों जगहों पर कोरोना के केस में तेज वृद्धि होने लगी। एक अप्रैल को मुंबई में मामले 8000 तक पहुंच गए और ग्यारह अप्रैल तक रोजाना इस संख्या में इजाफा होता रहा। इसी समयावधि में सात अप्रैल को मुंबई में कोरोना के केस 10 हजार को भी पार कर गए।
मुंबई में गिरावट तो दिल्ली में केस बढ़े
दिल्ली में गत छह अप्रैल को कोरोना के 5000 से ज्यादा केस मिले और इसके अगले पांच दिनों में यह संख्या दोगुनी होकर 11 अप्रैल को 10,700 तक पहुंच गई। गत 11 अप्रैल को मुंबई में कोरोना के 9,500 नए केस मिले। मुंबई में 10,000 केस के बाद संक्रमण की संख्या में रोजाना गिरावट देखने को मिल रही है जबकि दिल्ली में केस लगातार बढ़ रहे हैं। गत 12 अप्रैल को दिल्ली में संक्रमण के करीब 11,500 नए मामले और 13 अप्रैल को 13,400 से ज्यादा केस मिले। वहीं, मुंबई में 13 अप्रैल को कोरोना के 7,800 केस और 12 अप्रैल को 6,700 मामले सामने आए।
दिल्ली शहर कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित
दिल्ली में गुरुवार को कोविड-19 के 16,699 नए मामले आए और 112 लोगों की मौत हुई। इससे पहले राजधानी में एक दिन पहले संक्रमण के 17,282 नए मामले सामने आए थे, जो अब तक के सर्वाधिक मामले हैं। कोरोना वायरस महामारी की चौथी लहर से जूझ रही दिल्ली ने आर्थिक राजधानी मुंबई को रोजाना के मामलों में बहुत पीछे छोड़ दिया है, जो देश में सबसे अधिक प्रभावित शहर बन गया है। बुधवार को दिल्ली में संक्रमण दर 15.92 फीसदी थी। गुरुवार तक राजधानी में संक्रमण के कुल 7,84,137 मामले हो चुके हैं। जबकि 7.18 लाख से अधिक मरीज वायरस से ठीक हो चुके हैं।