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नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा पर बुधवार को लोकसभा में बहस होनी है लेकिन इसके पहले राजधानी के इस उपद्रव पर बौद्धिक लोगों एवं शिक्षाविदों ने अपनी एक रिपोर्ट तैयार की है। 51 पन्नों की इस रिपोर्ट में दिल्ली हिंसा के लिए अर्बन नक्सली एवं जेहादी नेटवर्क के गठजोड़ को जिम्मेदार ठहराया गया है। 'दिल्ली रॉयट्स 2020' नाम की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में साजिश के तहत हिंसा फैलाई गई। इस समूह ने अपनी यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी है।
रिपोर्ट के चौथे पेज में कहा गया है कि दिल्ली हिंसा में शहरी नक्सल और जिहादी नेटवर्क के शामिल होने के भी साक्ष्य मिले हैं। मुस्लिम युवकों का लंबे समय तक कट्टरपंथ की सीख दी गई है जो कि इन दंगों में देखी गई। सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों में महिलाओं को अपने बचाव के रूप में इस्तेमाल किया गया। प्रदर्शन स्थलों पर सरकार और 'आजादी' जैसे देश विरोधी नारों ने माहौल को खराब करने का काम किया।
दिल्ली में तीन दिनों तक हुई हिंसा
बता दें कि दिल्ली हिंसा में कम से कम 46 लोगों की मौत हुई है। सीएए समर्थकों एवं विरोधियों के बीच शुरू हुआ टकराव हिंसक उपद्रव का रूप ले लिया। तीन दिनों तक 23 फरवरी से 25 फरवरी तक उत्तर पूर्व दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर,चांद बाग, बाबरपुर, शिव विहार और यमुना विहार में भारी हिंसा हुई। उपद्रवियों ने दुकानों, घरों एवं वाहनों में आग लगा दी। इस दौरान कई लोग मारे गए। लोगों के शव नालों से बरामद हुए।
संसद में होगी चर्चा
दिल्ली हिंसा पर विपक्ष केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश में है। विपक्षी सदस्यों ने संसद के बजट सत्र में दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराए जाने की मांग की लेकिन सरकार ने कहा कि वह इस पर होली के बाद चर्चा कराएगी। विपक्ष होली से पहले दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराना चाहता था लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई। दिल्ली हिंसा पर संसद के दोनों सदनों में गतिरोध भी देखने को मिला और संसत्र की कार्यवाही बार-बार स्थगित हुई।
ट्रंप थे भारत दौरे पर
दिल्ली में हिंसा उस समय हुई जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दो दिन के भारत दौरे पर थे। जांच में यह बात भी सामने आई है कि असमाजिक तत्वों की साजिश ट्रंप के दौरे के समय सीएए विरोध को राजधानी की सड़कों पर तीव्र करनी की थी ताकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान उस तरफ जाए। ट्रंप से दिल्ली हिंसा के बारे में सवाल भी किया गया लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि यह भारत का आंतरिक मामला है और भारत सरकार इससे निपट लेगी।