- लैंडिंग से पहले 7 मिनट में क्या हुआ?
- चॉपर हवा में क्रैश हुआ या जमीन पर?
- ब्लैक बॉक्स बताएगा क्रैश का पूरा सच?
Dhakad EXCLUSIVE: एक दिन पहले CDS बिपिन रावत का चॉपर कुन्नूर के जंगलों में क्रैश हो गया। आज देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों सदनों को मिनट-मिनट की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ATC ने चॉपर से 12 बजकर 8 मिनट पर कंट्रोल खो दिया। जबकि 12 बजकर 15 मिनट पर हेलीकॉप्टर को वेलिंग्टन में लैंड करना था तो हम आपको इन्हीं 7 मिनट की पूरी कहानी बता रहे हैं। क्रैश होने के वक्त मौसम कैसा था? क्रैश होने से ठीक पहले हेलीकॉप्टर किस दशा में था? इन सारे सवालों का जवाब आपको हमारी इस रिपोर्ट में मिलेगा।
आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के दोनों सदनों को दुर्घटना की पूरी परिस्थिति के बारे में बताया कि कैसे 7 मिनट में पूरी सूरत ही बदल गई। जनरल रावत के चॉपर ने सुलूर से सुबह 11:48 बजे उड़ान भरी। एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने दोपहर 12:08 बजे कंट्रोल खो दिया। वेलिंग्टन में चॉपर को दोपहर 12:15 बजे लैंड करना था। कुन्नूर में बुधवार सुबह 8:30 बजे तक 4mm बारिश हुई। सुबह कुन्नूर में सतही कोहरा और बादल छाए हुए थे जबकि शाम 5:30 बजे घना कोहरा था विजिबिलिटी न के बराबर थी। दिन के वक्त सतही कोहरा और बादल रहे होंगे।
TIMES NOW नवभारत संवाददाता दीपक बोपन्ना ने क्रैश के 24 घंटे बाद आज करीब 12 बजकर 10 मिनट पर उसी जगह से मौसम की जानकारी दी जहां कल CDS बिपिन रावत का Mi17v5 चॉपर क्रैश हुआ था। हादसे वाली जगह से Mi17v5 चॉपर का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है। ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड जानकारी से ही हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के सच को सामने ला सकता है।
उन 7 मिनटों की पूरी कहानी ब्लैक बॉक्स में बंद है। ब्लैक बॉक्स में क्या और किस तरह की जानकारी मिल सकती है हम आपको बताते हैं।
किस दिशा में हेलीकॉप्टर जा रहा था?
हेलीकॉप्टर कितनी ऊंचाई पर था?
हेलीकॉप्टर ऊपर जा रहा था या नीचे आ रहा था?
हेलीकॉप्टर के ऊपर या नीचे जाने की रफ्तार क्या थी?
इंजन का डेटा यानी उस वक्त की दबाव और तापमान कितना था?
हेलीकॉप्टर में कितना ईंधन था?
अगर आग से ब्लैक बॉक्स को नुकसान पहुंचा तो चिंता की बात है। ऐसी स्थिति में डेटा के विश्लेषण के लिए रूस की विशेषज्ञों से मदद लेना पड़ सकता है।
वेलिंग्टन सेंटर में आज सुबह CDS बिपिन रावत सहित सभी शहीदों के शवों को लाया गया। वेलिंग्टन में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। उन्हें सैन्य सलामी दी गई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन भी मौजूद थे। पहले वेलिंग्टन सेंटर में CDS बिपिन रावत सहित सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। फिर वेलिंग्टन से सड़क के रास्ते शहीदों के शवों को सुलूर ले जाया गया। पूरे रास्ते सैकड़ों लोग सड़क किनारे खड़े होकर भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। शहीदों पर पुष्प वर्षा कर रहे थे।